2026 में पलटेगा राज्यसभा का पूरा गणित! 75 सीटों पर महायुद्ध, NDA vs INDIA का नंबर गेम किसके पक्ष में?
2026 भारतीय राजनीति के लिए एकदम धमाकेदार और हाई-वोल्टेज साल साबित होने वाला है. एक तरफ राज्यसभा की 75 सीटों पर होगा जबरदस्त महामुकाबला, जहां एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच नंबर गेम की जंग छिड़ेगी.

नई दिल्ली: आने वाला साल 2026 भारतीय राजनीति के लिहाज से बेहद अहम साबित होने वाला है. जहां एक ओर कई बड़े राज्यों में विधानसभा चुनावों से सियासी माहौल गरम रहेगा, वहीं संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. अगले साल राज्यसभा की करीब 75 सीटों पर चुनाव होने हैं, जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की रणनीतियां निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकती हैं.
राज्यसभा की ये सीटें अप्रैल, जून और नवंबर में चरणबद्ध तरीके से खाली होंगी. इसके बाद यह साफ होगा कि उच्च सदन में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच शक्ति संतुलन किस ओर झुकता है. साथ ही, अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव भी राज्यसभा के गणित को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे.
कई राज्यों से खाली होंगी राज्यसभा की सीटें
2026 में बिहार से पांच और उत्तर प्रदेश से 10 राज्यसभा सीटें खाली होने जा रही हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कई पूर्वोत्तर राज्यों से भी सदस्यों का कार्यकाल पूरा होगा. अप्रैल से जून के बीच और फिर नवंबर में इन सीटों पर चुनाव संभावित हैं.
दिग्गज नेताओं का खत्म होगा कार्यकाल
राज्यसभा चुनाव 2026 का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस दौरान कई बड़े राजनीतिक चेहरों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, दिग्विजय सिंह, शरद पवार और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं. इनके अलावा बीएल वर्मा, रवनीत सिंह बिट्टू और जॉर्ज कुरियन का कार्यकाल भी समाप्त होने वाला है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें से कितने नेता दोबारा सदन में पहुंचेंगे और कितनों की जगह नए चेहरों को मौका मिलेगा.
बिहार और उत्तर प्रदेश पर रहेंगी सभी की नजरें
अप्रैल में बिहार की पांचों राज्यसभा सीटें खाली हो जाएंगी. इनमें आरजेडी के प्रेम चंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह, जेडीयू के हरिवंश नारायण सिंह, केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर और उपेंद्र कुशवाहा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है.
हालिया विधानसभा चुनावों में एनडीए की मजबूत जीत के बाद माना जा रहा है कि बीजेपी और जेडीयू दो-दो सीटों पर कब्जा कर सकती हैं. उपेंद्र कुशवाहा समेत कुछ नेताओं की वापसी की भी संभावना जताई जा रही है. वहीं नवंबर में उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर चुनाव होने हैं, जो राज्यसभा के समीकरण को निर्णायक रूप से बदल सकते हैं.
महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में भी अहम मुकाबला
महाराष्ट्र की सात राज्यसभा सीटों के लिए अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है. इनमें शरद पवार, प्रियंका चतुर्वेदी और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इसके अलावा मध्य प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से भी कई राज्यसभा सीटें खाली होंगी.
राज्यसभा में मौजूदा ताकत का समीकरण
फिलहाल राज्यसभा में एनडीए के पास 129 सांसद हैं, जबकि विपक्षी दलों के पास 78 सीटें हैं. 2026 में होने वाले चुनाव इस संतुलन को बदल सकते हैं या सत्ता पक्ष की स्थिति और मजबूत कर सकते हैं. साथ ही, विधानसभा चुनावों के नतीजे भी राजनीतिक दलों की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे.


