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उद्धव और राज ठाकरे ने BMC चुनाव के लिए सीट-शेयरिंग समझौता फाइनल किया, आज हो सकता है आधिकारिक बयान

मुंबई नगर निगम (BMC) चुनावों को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता राज ठाकरे ने 2026 में होने वाले BMC चुनावों के लिए सीट-शेयरिंग समझौते को अंतिम रूप दे दिया है. यह राजनीतिक घटनाक्रम राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का मुख्य विषय बन गया है.

Yogita Pandey
Edited By: Yogita Pandey

मुंबई: मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा मोड़ आया है.शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता राज ठाकरे ने आगामी BMC चुनाव 2026 के लिए सीट-शेयरिंग समझौते को अंतिम रूप दे दिया है.यह राजनीतिक हलचल राज्य की सियासत में खासी चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि लगभग दो दशक बाद ठाकरे परिवार के दो प्रमुख नेता एक साथ चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना (उद्धव गुट) 227 सीटों में से लगभग 157 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी, जबकि राज ठाकरे की पार्टी MNS लगभग 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.अगर यह सफ़र जैसा योजना के मुताबिक चलता है, तो यह गठबंधन 20 साल बाद पहली बार दोनों पक्षों के बीच आमने-सामने की बैर को पीछे छोड़कर एक साथ चुनावी मैदान में उतर रहा है.

BMC चुनाव में गठबंधन की राजनीति

मुंबई महानगरपालिका का चुनाव 15 जनवरी 2026 को होना है और 16 जनवरी को मतगणना की प्रक्रिया है.यह चुनाव सिर्फ़ नगर निगम तक सीमित नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा पर भी असर डाल सकता है.BMC में जीत शिवसेना और उसके गठबंधन को मराठी मतदाता आधार मजबूत करने का अवसर दे सकती है, खासकर तब जब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अलग राह चुन रहे हैं.

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की यह युति महाराष्ट्र की राजनीति के लिए ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है.करीब 20 वर्षों से दोनों पक्षों के बीच तनाव और अलगाव रहा है, लेकिन इस चुनाव के मद्देनज़र दोनों नेताओं के बीच बातचीत और सहयोग ने आशा की नई लकीर खींच दी है.

राजनीतिक समीकरण में बदलाव

इस गठबंधन के चलते शिवसेना-MNS की रणनीति में बदलवा देखा जा रहा है.महाराष्ट्र के राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि मराठी और मुस्लिम मतदाताओं को एक साथ जोड़ने की कोशिश इस चुनाव में अहम भूमिका निभा सकती है.इसके अलावा, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की भूमिका भी इस गठबंधन की सियासी सफलता को प्रभावित कर सकती है.

शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने भी राज ठाकरे से 'शिवतीर्थ' पर मुलाकात की है, जहां दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग और गठबंधन को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई.आज दोनों नेता एक आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं, जिसमें समझौते की घोषणा औपचारिक रूप से की जाएगी. 

क्या बदलेगा सियासी परिदृश्य?

अगर यह गठबंधन सफल रहता है और दोनों पक्ष मिलकर चुनाव लड़ते हैं, तो यह महाराष्ट्र की सियासत में एक नया अध्याय होगा.इससे मुख्य विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) की रणनीति भी प्रभावित हो सकती है, खासकर तब जब कांग्रेस अलग रास्ता अपनाने पर विचार कर रही है.

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23 December 2025, 09:34 AM IST

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