जनरल द्विवेदी का बड़ा खुलासा, 10 मई को नहीं थमा था संघर्ष, पाकिस्तान के खिलाफ चली लंबी कार्रवाई
भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव केवल 10 मई के युद्धविराम तक सीमित नहीं रहा. उनका कहना था कि युद्धविराम की घोषणा के बाद भी कई अहम फैसले और सैन्य कार्रवाई जारी रही.

Upendra Dwivedi on operation sindoor: भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को साफ कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव केवल 10 मई के युद्धविराम तक सीमित नहीं रहा. नई दिल्ली में आयोजित “ऑपरेशन सिंदूर: बिफोर एंड बियॉन्ड” पुस्तक के विमोचन के दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की. उनका कहना था कि युद्धविराम की घोषणा के बाद भी कई अहम फैसले और सैन्य कार्रवाई जारी रही. उन्होंने कहा कि बहुत लोग मानते हैं कि संघर्ष 10 मई को थम गया, लेकिन हकीकत यह है कि उसके बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए और कई निर्णय लेने पड़े.
पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर चिंता
सेना प्रमुख ने इस मौके पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिशें अभी भी जारी हैं और पूरी तरह से हालात स्थिर होने में समय लगेगा. जनरल द्विवेदी ने पहलगाम आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस पर विचार कर रही थीं कि किस तरह की सुनियोजित प्रतिक्रिया दी जाए. उनके अनुसार, यह आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी कि ऑपरेशन सिंदूर ने सीमा पर कितना प्रभाव डाला है.
कैलिब्रेटेड प्रतिक्रिया की रणनीति
जनरल द्विवेदी ने बताया कि सेना ने हर कदम पर सोची-समझी रणनीति अपनाई. यह तय किया गया कि कब कार्रवाई करनी है और कब संयम रखना है. समय, स्थान और संसाधनों का संतुलन बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती रहा. उन्होंने खुलासा किया कि 22 और 23 अप्रैल को कई पूर्व सैनिकों से विचार-विमर्श किया गया, जिन्होंने अलग-अलग विकल्प सुझाए. उनके अनुसार, हर निर्णय और हर ठहराव के दीर्घकालिक असर होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना ज़रूरी है.
सैन्य एकजुटता की मिसाल
सेना प्रमुख ने ऑपरेशन के दौरान सशस्त्र बलों की एकजुटता और समन्वय की खुलकर तारीफ की. उनके अनुसार, इस दौरान सेना ने ऐसे काम किया जैसे सब एक “लयबद्ध लहर” हों. उन्होंने बताया कि 88 घंटों के भीतर हालात इतने तेज़ी से बदल रहे थे कि आदेश देने का समय भी नहीं था, फिर भी हर जवान पहले से तय रणनीति के साथ पूरी तरह समन्वित था.
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इस कार्रवाई में आतंकियों के ठिकानों और पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर सटीक हमले किए गए. पाकिस्तान की तरफ़ से ड्रोन और मिसाइल हमलों के जरिए जवाबी कार्रवाई हुई, लेकिन भारतीय बलों ने उन्हें नाकाम कर दिया. इस बीच सीमा पर भारी गोलाबारी भी देखी गई.


