खाड़ी दौरे के बीच गुलाम नबी आजाद की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
खाड़ी देशों की यात्रा पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की तबीयत कुवैत में बिगड़ गई. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा ने बताया कि आजाद की हालत स्थिर है और वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीतिक मुहिम के तहत खाड़ी देशों की यात्रा पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की तबीयत अचानक बिगड़ गई. 76 वर्षीय आजाद को कुवैत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं. बताया जा रहा है कि वहां की भीषण गर्मी के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी.
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे बीजेपी सांसद बैजयंत जय पांडा ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि "हमारे दौरे के बीच में गुलाम नबी आजाद को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. उनकी हालत स्थिर है और वे डॉक्टरों की देखरेख में हैं. कुछ जरूरी चिकित्सकीय जांच की जा रही हैं." पांडा ने यह भी जोड़ा कि बहरीन और कुवैत में हुई बैठकों में आजाद का योगदान बेहद प्रभावशाली रहा.
गुलाम नबी आजाद ने जताया आभार
गुलाम नबी आजाद ने खुद सोशल मीडिया पर लिखा कि “भीषण गर्मी के चलते मेरी तबीयत थोड़ी बिगड़ गई थी, लेकिन ईश्वर की कृपा और आपकी दुआओं से अब मैं ठीक हूं. सभी टेस्ट के नतीजे सामान्य हैं. इस कठिन समय में चिंता जताने के लिए आप सभी का धन्यवाद.”
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन
इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल में बैजयंत पांडा के अलावा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, रेखा शर्मा, फांगनोन कोन्याक, सतनाम सिंह संधू, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और पूर्व राजनयिक हर्ष श्रृंगला शामिल हैं. इन नेताओं का मकसद भारत के खिलाफ आतंकवाद पर वैश्विक समर्थन जुटाना है.
23 मई को बहरीन, 25 मई को कुवैत यात्रा
प्रतिनिधिमंडल ने 23 मई को बहरीन और 25 मई को कुवैत का दौरा किया. इन देशों के नेताओं और बुद्धिजीवियों के साथ प्रतिनिधिमंडल ने बैठकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट की. गुलाम नबी आजाद ने इन बैठकों में भाग लिया था और उनका प्रदर्शन प्रभावशाली रहा.
सऊदी और अल्जीरिया के लिए रवाना प्रतिनिधिमंडल
बैजयंत पांडा के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल अब सऊदी अरब और अल्जीरिया की ओर बढ़ गया है, जहां वे भारतीय समुदाय, सरकारी अधिकारियों और नेताओं से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि “आजाद की गैरमौजूदगी हमें बहुत खलेगी.”
कांग्रेस ने जताई चिंता, की दुआ
कांग्रेस पार्टी ने भी गुलाम नबी आजाद के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बिना नाम लिए कहा कि “यह जानकर चिंता हुई कि पाकिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को मजबूत करने भेजे गए प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.” बता दें कि गुलाम नबी आजाद 2022 में कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बना चुके हैं.


