किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम, आमजन को भी मिलेगा फायदा
उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद, प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों को बढ़ावा देने, कृषि विज्ञान केंद्रों को मजबूत करने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और फसल विविधीकरण सहित चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

Good news for farmers: देश के करोड़ों किसानों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। दरअसल, केंद्र सरकार एक ऐसे मॉडल पर काम कर रही है जिससे कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री में बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार किसानों को अपनी उपज सीधे उपभोक्ताओं को बेचने की सुविधा देने के लिए एक मॉडल (किसानों के लिए विशेष मॉडल) पर काम कर रही है, जिससे बिचौलियों की भूमिका कम हो जाएगी।
केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी करेंगी सहयोग
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पूसा परिसर में गणतंत्र दिवस परेड के बाद लगभग 400 किसानों के साथ बातचीत करते हुए चौहान ने जोर देकर कहा कि 'खेत से उपभोक्ता' मॉडल से किसानों को अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं।" भारत किसानों के बिना प्रगति नहीं कर सकता। यद्यपि कृषि राज्य का विषय है, फिर भी केन्द्र सरकार किसानों को व्यापक सहायता प्रदान करेगी। चौहान ने कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र और किसानों का योगदान भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी आपका सहयोग करेंगी।’’
क्या कम होंगी कीमतें?
दरअसल, किसानों से उपज खरीदने में बिचौलियों की प्रमुख भूमिका होती है और यही कारण है कि ग्राहकों को गेहूं और अन्य अनाज थोड़े ऊंचे दामों पर मिलते हैं। अगर बिचौलियों की भूमिका खत्म कर दी जाए तो इसका असर खाद्यान्न की कीमतों पर भी देखने को मिल सकता है, इसलिए संभव है कि बाजार में 40 रुपये प्रति किलो मिलने वाला गेहूं उपभोक्ताओं को 35 रुपये प्रति किलो के भाव पर बेचा जाए।


