निमिषा प्रिया की मदद के लिए सरकार का हरसंभव प्रयास, नाटो प्रमुख के बयान पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में यमन में फांसी की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले पर ताजा जानकारी साझा की और साथ ही, उन्होंने नाटो प्रमुख के रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर दिए बयान पर भी करारा जवाब दिया.

MEA: यमन में फांसी की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में भारत सरकार पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ सक्रिय है. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत, निमिषा की कानूनी और मानवीय सहायता के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है. मंत्रालय ने बताया कि कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था की गई है और परिवार की ओर से बातचीत के लिए एक वकील की भी नियुक्ति हो चुकी है. सरकार की इस कोशिश का मकसद न सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग देना है, बल्कि पीड़ित परिवार को ज्यादा समय और अवसर देना है ताकि वे यमन में दूसरी पार्टी से आपसी सहमति बनाने की दिशा में पहल कर सकें. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस मामले पर उनकी लगातार निगरानी बनी हुई है.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
जयसवान ने कहा, "हमने कानूनी मदद उपलब्ध कराई है और उनके परिवार की सहायता के लिए एक वकील भी नियुक्त किया है. जिससे भारत इस मुद्दे पर कुछ मित्र देशों से भी संपर्क बनाए हुए है, ताकि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए समाधान निकाला जा सके.
नाटो महासचिव की टिप्पणी पर भारत की दो टूक
नाटो प्रमुख मार्क रुटे द्वारा रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर संभावित सेकंडरी प्रतिबंध की बात कहे जाने पर भारत ने अपनी स्थिति बिल्कुल साफ कर दी है. प्रवक्ता ने कहा, 'हमने इस विषय पर आई खबरें देखी हैं और सभी प्रगति पर करीब से नजर रख रहे हैं. मैं साफ कर दूं कि भारत के लोगों की ऊर्जा जरूरतें पूरी करना हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है.'
साथ ही रणधीर जायसवाल ने यह भी साफ किया कि वैश्विक स्तर पर किसी तरह के "दोहरे मापदंड" को भारत स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अपनी ऊर्जा नीति को नागरिकों के हित में बनाए रखेगा.
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर क्या बोले MEA?
भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार समझौते पर भी विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी. प्रवक्ता ने कहा, 'यह एक ऐसा मामला है जिस पर दोनों पक्षों के बीच चर्चा चल रही है. जब कोई बात अंतिम रूप ले लेगी, तो हम जानकारी साझा करेंगे.' इस बयान से स्पष्ट है कि भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक साझेदारी को लेकर बातचीत रुकने वाली नहीं है और निकट भविष्य में इसका सकारात्मक परिणाम सामने आ सकता है.
1563 भारतीय अमेरिका से लौटे
विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी प्रवासन नीति के तहत भेजे गए भारतीय नागरिकों के आंकड़े भी साझा किए. 'इस साल 20 जनवरी से लेकर कल तक, लगभग 1563 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से वापस भेजा जा चुका है. इनमें से ज्यादातर भारतीय नागरिक व्यावसायिक उड़ानों से आए हैं.'


