Gyanvapi Case : ज्ञानवापी मामले में अयोध्या की तरह होगा हिंदू पक्ष का अगला कदम; वकील विष्णु शंकर ने कही यह बड़ी बात

Gyanvapi case : ज्ञानवापी मामले में ASI की सर्वे रिपोर्ट में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलने का खुलासा होने के बाद हिंदू पक्ष ने पूर्वी दीवार के आगे भी मंदिर होने की संभावना जताई है. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कहना है कि 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर सील किए गए वजूखाने का वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे का अनुरोध किया जाएगा.

Pankaj Soni
Pankaj Soni

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद अब हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर कर परिसर स्थित सील वजूखाने का एएसआई से सर्वे कराने का अनुरोध करेगा. ज्ञानवापी परिसर में पुख्ता साक्ष्य एकत्र करने के लिए अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि जैसी खोदाई की मांग भी की जाएगी.हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से कहा कि 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देंगे. इसके जरिये सील वजूखाने के वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे का अनुरोध किया जाएगा कि वहां मौजूद स्वयंभू शिवलिंग के बारे में एएसआई सर्वे कर बताए कि उनसे संबंधित वास्तविकता है क्या...?


ज्ञानवापी नागर शैली का मंदिर :सर्वे रिपोर्ट  

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी को नागर शैली का मंदिर बताया है. इसी शैली से काशी विश्वनाथ मंदिर भी बना है. अयोध्या में रामलला का मंदिर भी पहले नागर शैली से बना था. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी भी भव्य हिंदू मंदिर था. मंदिर का ढांचा हूबहू अयोध्या में बने राम मंदिर से मिल रहा है. प्रवेश द्वार के बाद दो मंडप और गर्भगृह की परिकल्पना की गई है. नागर शैली में ही बने अयोध्या के रामलला के मंदिर में भी प्रवेश के बाद मंडप और सबसे अंतिम छोर पर गर्भगृह स्थापित है. ज्ञानवापी में पूर्वी दीवार के आगे भी मंदिर की संभावना जताई जा रही है. हालांकि पूर्वी दीवार बंद होने के चलते उसके आगे का सर्वे एएसआई की टीम नहीं कर सकी है.


कोर्ट के आदेश का इंतजार करें: हिंदू पक्ष

ASI  की रिपोर्ट आने के बाद हिंदू पक्ष का कहना है कि परिसर में जहां भी खोदाई कर साक्ष्य एकत्र करने की जरूरत है, उसके लिए वो सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करेंगे,और संवैधानिक तरीके से अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे. खोदाई इस तरह से की जाएगी कि ज्ञानवापी के मौजूदा ढांचे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचेगा. हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना है कि वैज्ञानिक तरीके से यह साबित हो कि ज्ञानवापी का सच क्या है...? शेष, ज्ञानवापी का सर्वे कर एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में वैज्ञानिक तरीके से यह बता ही दिया है कि वहां मस्जिद से पहले भव्य हिंदू मंदिर था. सभी लोगों से हमारी अपील यही है कि धैर्य के साथ वैज्ञानिक तथ्यों को देखें और समझें और कोर्ट के आदेश का इंतजार करें.

ज्ञानवापी परिसर.
ज्ञानवापी परिसर.


सर्वे में 55 मूर्तियां और 93 सिक्के समेत कई चीजें मिलीं

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम को ज्ञानवापी के सर्वे में 55 मूर्तियां मिलीं हैं. ज्ञानवापी की दीवार सहित कई स्थानों पर 15 शिवलिंग और अलग-अलग समय के 93 सिक्के मिले हैं. पत्थर की मूर्तियों के साथ ही अलग-अलग धातु, टेराकोटा सहित घरेलू इस्तेमाल की 259 सामग्रियां मिली हैं. एक पत्थर ऐसा है, जिस पर राम लिखा है. जीपीआर सर्वे में मुख्य गुंबद के नीचे बेशकीमती पन्नानुमा टूटी कीमती धातु मिली है.इसे मुख्य शिवलिंग बताया जा रहा है. इस स्थान पर खनन और सर्वे की बात कही गई है.


ASI की 176 सदस्यीय टीम ने किया सर्वे

एएसआई की 176 सदस्यीय टीम ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया था और इसकी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी इसके बाद कोर्ट के आदेश पर हिंदू और मुसलमान दोनों पक्षों को रिपोर्ट सौंप दी गई. रिपोर्ट में ज्ञानवापी को बड़ा हिंदू मंदिर बताया गया है. इसमें 32 अहम हिंदू स्थलों का जिक्र है. शिवलिंग के साथ नंदी, गणेश की मूर्तियां भी मिली हैं.

इन देवी- देवताओं की मूर्तियां और विग्रह मिले

वैज्ञानिक पद्धति से हुए सर्वे में मंदिर के प्रमाण के साथ ही विष्णु, मकर, कृष्ण, हनुमान, द्वारपाल, नंदी, पुरुष और मन्नत तीर्थ सहित अन्य विग्रह मिले हैं. सर्वे में  मुगल काल, अंग्रेजी हुकूमत से संबंधित समय के चिह्न मिले हैं. शाह आलम और सिंधिया काल के सिक्के (एक और 25 पैसे) संरक्षित किए गए हैं.

18 मानव की मूर्तियां मिलीं

एएसआई ने सर्वे में 93 सिक्के जुटाए हैं. इनमें विक्टोरिया महारानी, विक्टोरिया रानी, धीरम खलीफा, किंग जार्ज सहित अन्य काल के सिक्के शामिल हैं. इसके अलावा एएसआई को टेरोकोटा की 23 मूर्तियां, 2 स्लिंग बॉल, एक टाइल्स, एक डिस्क, देवी-देवताओं की दो मूर्तियां, 18 मानव की मूर्तियां, तीन जानवरों की मूर्तियां मिली हैं. वहीं 113 धातु की सामग्रियां भी मिलीं हैं. इनमें लोहे की 16, तांबे की 84, एल्युमिनियम की 9, निकेल की तीन और एलॉय की एक सामग्री मिली हैं.

विग्रह और धार्मिक चिह्न दो हजार साल पुराने

एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी की दीवार सहित कई स्थानों से मिले विग्रह और धार्मिक चिह्नों की विधिवत जांच की गई. जीपीआर सहित अन्य तकनीक से हुई जांच में कुछ चिह्नों की उम्र 2 हजार वर्ष पुरानी है. एएसआई ने प्रत्येक चिह्न को पूरे विवरण के साथ ही प्रस्तुत किया है.

चार भागों में है एएसआई की रिपोर्ट

ज्ञानवापी सर्वे की एएसआई रिपोर्ट चार भागों में है.पहले खंड में 137 पेज हैं. इसमें स्ट्रक्चर और ब्रीफ फाइडिंग ऑफ सर्वे रिपोर्ट है. दूसरे खंड में पेज संख्या 1 से 195 तक साइंटिफिक सर्वे की रिपोर्ट है. तीसरे खंड में पेज नंबर 204 पर बरामद वटु का जिक्र है. चौथे खंड में तस्वीरें व डायग्राम हैं, जो 238 पेज में है. एक हजार फोटोग्राफ भी हैं.

श्रीरामजन्म भूमि जैसी खोदाई की मांग करेगा हिंदू पक्ष

ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में  प्रार्थना पत्र जारी कर परिसर स्थित सील वजूखाने का एएसआई से सर्वे कराने का अनुरोध करेगा. साथ ही कुछ अन्य पुख्ता साक्ष्य एकत्र करने के लिए अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि जैसी खोदाई की मांग भी की जाएगी.


किरायेदार बनाते थे मूर्तियां, रिपोर्ट पढ़कर दाखिल करेंगे आपत्ति: मुस्लिम पक्ष

ज्ञानवापी परिसर की एएसआई रिपोर्ट पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता एखलाक अहमद ने अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट में मलबे में मिली मूर्तियां ठीक हैं, लेकिन हमारी एक बिल्डिंग में पांच किरायेदार थे. वे सभी मूर्तियां बनाते थे. जो मलबा होता था, उसे पीछे की तरफ फेंक देते थे. सारी मूर्तियां खंडित मिली हैं, कोई ऐसी मूर्ति नहीं मिली, जिसे कहा जाए कि यह भगवान शिव की मूर्ति है. उन्होंने कहा कि मूर्तियां मस्जिद के अंदर नहीं मिली हैं. पूरी रिपोर्ट पढ़ेंगे. इसमें देखेंगे क्या गलत रिपोर्ट दी गई है. उस पर हम आपत्ति दाखिल करेंगे.

तीन रहस्यों से पर्दा उठाने की भी मांग करेगा हिंदू पक्ष

एएसआई की रिपोर्ट में तीन रहस्य सामने आए हैं. अब हिंदू पक्ष इन रहस्यों से पर्दा उठाने की मांग करेगा. दरअसल, एएसआई ने बताया कि पूर्वी दीवार को बंद कर दिया गया है. यहां कुआं मिला है. सील वजूखाने वादी महिलाओं मंजू व्यास, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी और सीता साहू का कहना है कि पूर्वी दीवार क्यों बंद है, यह जानना बेहद जरूरी है, जो कुआं मिला है, उसकी क्या मान्यता है और वहां क्या है. इनके साथ ही वजूखाने का एएसआई सर्वे की मांग अदालत में की जाएगी.

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28 January 2024, 01:06 PM IST

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