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कैसे तय होता है सैलरी बढ़ाने का फॉर्मूला, क्या है नियम और प्रक्रिया... जानें 8वें वेतन आयोग से जुड़े प्रमुख पहलू

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी गई. यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन पर सिफारिशें करेगा, रिपोर्ट 2026 में आएगी.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दी गई है. यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों की समीक्षा करेगा और सैलरी में बढ़ोतरी के लिए अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा. आयोग को अपनी रिपोर्ट 2026 तक सौंपने का निर्देश दिया गया है, जबकि वेतन आयोग का गठन सामान्यतः हर दस साल में एक बार किया जाता है. इससे पहले, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं.

क्या है वेतन आयोग और इसका उद्देश्य...

वेतन आयोग केंद्र सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति है, जिसका प्रमुख उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों की समीक्षा करना और उन्हें वर्तमान आर्थिक स्थितियों के अनुसार न्यायोचित बनाना है. इसके तहत पेंशन, महंगाई भत्ता, चिकित्सा और आवास जैसी सुविधाओं से जुड़े सुधार की सिफारिशें भी की जाती हैं.

कैसे होता है वेतन आयोग का गठन
आमतौर पर, वेतन आयोग का गठन हर 10 साल में किया जाता है, लेकिन यह सरकार की जरूरतों और आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर पहले भी गठित हो सकता है. इस आयोग के अध्यक्ष का चयन अक्सर एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश या वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के रूप में होता है. आयोग में अन्य सदस्य वित्त, अर्थशास्त्र, वेतन प्रबंधन और मानव संसाधन के विशेषज्ञ होते हैं.

किन कर्मचारियों को मिलेगा वेतन आयोग का लाभ?
वेतन आयोग का लाभ केवल केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को ही मिलता है, जिन्हें केंद्र सरकार के कंसॉलिडेटेड फंड से वेतन प्राप्त होता है. इसका मतलब है कि केंद्रीय सिविल सेवाएं इसके दायरे में आती हैं, जबकि पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs), स्वायत्त संस्थाएं (Autonomous Bodies) और ग्रामीण डाक सेवक इस आयोग के दायरे से बाहर रहते हैं. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों के वेतन और भत्ते अलग नियमों के तहत तय किए जाते हैं, इसलिए उन्हें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ नहीं मिलता.

सैलरी बढ़ाने का फॉर्मूला
आयोग कई आर्थिक और सामाजिक पहलुओं का अध्ययन करता है, जैसे महंगाई दर, देश की अर्थव्यवस्था, कर्मचारियों का प्रदर्शन और बाजार में अन्य क्षेत्रों में मिल रहे वेतन स्तर के आधार पर सैलरी बढ़ाने का निर्णय लिया जाता है. महंगाई दर बढ़ने पर वेतन में वृद्धि का अनुपात भी उसी हिसाब से तय किया जाता है.

वेतन आयोग की मुख्य सिफारिशें
आयोग के द्वारा दी गई सिफारिशों में कर्मचारियों के मौजूदा वेतन में वृद्धि, पेंशन प्रणाली में सुधार, भत्तों में संशोधन, कामकाजी परिस्थितियों में सुधार और नए कर्मचारियों के लिए वेतन संरचना और भर्ती प्रक्रिया का अद्यतन शामिल हो सकते हैं. आखिरकार, आठवें वेतन आयोग के गठन से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की संभावना बनी है, और इससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सकता है.

•    Department of Expenditure, Ministry of Finance
•    Central Pay Commission Documents

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28 October 2025, 10:36 PM IST

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