अगर चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं तो इस्तीफा दे दें, 'वोट चोरी' के आरोप पर भाजपा का राहुल गांधी पर पलटवार
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राहुल गांधी पर चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर अविश्वास का आरोप लगाते हुए लोकसभा से इस्तीफे की मांग की, कांग्रेस नेताओं व राज्यों पर भी निशाना साधा, हलफनामा विवाद उभरा, भाजपा ने इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला बताया.

BJP vs Rahul Gandhi: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यदि उन्हें चुनाव आयोग की निष्पक्षता और नैतिकता पर भरोसा नहीं है, तो उन्हें लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राहुल गांधी के आरोप पूरी तरह निराधार हैं और इनमें किसी प्रकार का ठोस सबूत नहीं है.
भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी, अगर आपको चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर विश्वास नहीं है, तो सबसे पहले आप संसद से इस्तीफा दें. उन्होंने साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी से भी संसद की सदस्यता छोड़ने की मांग की, क्योंकि उन्होंने भी चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे.
कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर भी निशाना
भाटिया ने कांग्रेस नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर पार्टी को चुनाव प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है, तो कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश जैसे कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो भी आपको अनुकूल लगे, आप उसे मान लें और जो भी प्रतिकूल हो, उसे अस्वीकार कर दें तथा चुनाव आयोग पर आरोप मढ़ दें. यह तरीका लोकतंत्र में नहीं चलेगा.
सुप्रीम कोर्ट का हवाला
भाजपा प्रवक्ता ने चुनाव आयोग की साख की रक्षा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का उल्लेख किया, जिसमें शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को एक निष्पक्ष और भरोसेमंद संस्था के रूप में मान्यता दी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल अपने हित में आने वाले फैसलों को स्वीकार करती है और प्रतिकूल निर्णयों को तुरंत खारिज कर देती है.
हलफनामे को लेकर विवाद
विवाद की पृष्ठभूमि तब बनी जब चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उनके हालिया 'वोट चोरी' वाले दावे के समर्थन में एक हलफनामा दाखिल करने को कहा. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने संसद में संविधान की शपथ ली है और वही उनकी सबसे बड़ी प्रतिबद्धता है.
भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार
भाजपा का मानना है कि कांग्रेस लगातार लोकतांत्रिक संस्थाओं की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रही है. भाटिया ने कहा कि चुनाव आयोग की गरिमा और निष्पक्षता पर इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाना न केवल गलत है, बल्कि यह लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने जैसा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा प्रमाणित संस्थाओं पर सवाल खड़े करना राजनीतिक अवसरवादिता का उदाहरण है.
राजनीतिक माहौल में बढ़ती बयानबाजी
इस बयानबाजी के साथ ही भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव और गहराने के आसार हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व जहां चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं, वहीं भाजपा इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ सुनियोजित हमले के रूप में देख रही है. यह विवाद आने वाले समय में संसद के भीतर और बाहर, दोनों जगह राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा सकता है.


