जल भराव के चलते गिरी दिवार, 7 की मौत, BJP दिल्ली के लिए बनी अभिशाप... सौरभ भारद्वाज का BJP पर बड़ा आरोप
दिल्ली में भारी बारिश के बाद जलभराव की गंभीर स्थिति ने सरकारी दावों की पोल खोल दी. आम आदमी पार्टी ने भाजपा की चार इंजन सरकार को नाकाम बताया. जलभराव से जहां रक्षाबंधन का त्योहार खराब हुआ, वहीं दीवार गिरने और मैनहोल हादसों में कई लोगों की जान गई. आप नेताओं ने इसे भ्रष्टाचार और लापरवाही का नतीजा बताया, सरकार से जवाबदेही और ठोस कार्रवाई की मांग की.

Delhi Rain waterlogging : दिल्ली में हाल ही में हुई भारी बारिश ने राजधानी की व्यवस्थाओं को पूरी तरह चरमरा कर रख दिया. आईटीओ, पंजाबी बाग, साकेत, धौलाकुआं, प्रगति मैदान और पालम जैसे प्रमुख क्षेत्रों में जलभराव ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया. इस गंभीर स्थिति को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा पर जोरदार हमला किया है. AAP का कहना है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार की चार इंजन वाली मशीनरी – एनडीएमसी, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी और एलजी – पूरी तरह विफल हो चुकी है. सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि डीसिल्टिंग (नालों की सफाई) के नाम पर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है और सरकार हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद थर्ड पार्टी ऑडिट नहीं करवा रही. इससे यह संदेह पैदा होता है कि सरकार कुछ छिपाना चाहती है.
रक्षाबंधन पर तबाही और लापरवाही
सामाजिक मीडिया पर विरोध और विडंबना
सौरभ भारद्वाज ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर भाजपा नेताओं की कार्यक्रमों में हार पहनते हुए तस्वीरें साझा कर व्यंग्य किया कि जब जनता जलसंकट से जूझ रही थी, तब भाजपा के नेता समारोहों में व्यस्त थे. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार दिल्ली के नागरिकों के लिए अभिशाप बन चुकी है. मैनहोल में गिरकर एक ढाई साल के बच्चे की मौत को लेकर भी उन्होंने सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि मैनहोल खोलना जल निकासी का कोई स्थायी समाधान नहीं बल्कि एक खतरनाक शॉर्टकट है.
भाजपा पर लगे भ्रष्टाचार और नाकामी के आरोप
सौरभ भारद्वाज ने यह भी सवाल उठाया कि जब एलजी वीके सक्सेना ने प्रगति मैदान अंडरपास के घटिया निर्माण को लेकर एलएंडटी पर 500 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाने की बात कही थी, तो फिर उस पर क्या कार्रवाई हुई? जांच कहां तक पहुंची? इसी बीच, AAP नेताओं ने मांग की कि ऐसे त्योहारों पर, जब शहर जलमग्न हो जाता है, सरकार को नावें उपलब्ध करानी चाहिए ताकि लोग कहीं जा सकें.
विपक्ष के अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं
AAP के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने जैतपुर हादसे को दिल तोड़ने वाला बताया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की. वहीं, नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर राजधानी की हालत उजागर की और भाजपा की चार इंजन सरकार को असफल बताया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पीडब्ल्यूडी मंत्री दोनों मौके से गायब थे और लोग अपने ही घरों में फंसे रहे.
विधानसभा में जवाबदेही से बचती भाजपा सरकार
AAP विधायक संजीव झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बारिश के कुछ घंटों में ही दिल्ली की सड़कें नदियों में बदल गईं. उन्होंने बताया कि सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि दिल्ली में जलभराव नहीं होगा, लेकिन सच्चाई यह है कि सचिवालय से चंद मीटर दूर तक पानी भर गया. उन्होंने सवाल किया कि जिन स्थानों को जलभराव हॉटस्पॉट घोषित किया गया था, वहां जिम्मेदार अफसर कहां थे? कितनों पर कार्रवाई हुई? उन्होंने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद नालों की सफाई नहीं हुई, जिसकी वजह से आज यह हालात हैं.
जनता की कीमत पर लापरवाही
संजीव झा ने यह भी बताया कि नरेला के अलीपुर में एक बच्चा गटर में गिर गया क्योंकि जलभराव के कारण गड्ढा दिखाई नहीं दे रहा था. ऐसे कितने हादसे हो रहे हैं जिनकी रिपोर्ट भी नहीं हो पा रही. उन्होंने भाजपा सरकार को "नाकारा" कहा और पूछा कि आखिर कितनी जानें लेने के बाद सरकार चेतेगी?
जनता के धैर्य की परीक्षा
विधायक कुलदीप कुमार ने बताया कि उनकी विधानसभा कोंडली से नई दिल्ली तक की दूरी तय करने में लोगों को दो से ढाई घंटे लग रहे हैं क्योंकि हर सड़क पर पानी भरा है. उन्होंने कहा कि सरकार झूठ बोलने और सोशल मीडिया पर रील बनाने में व्यस्त है जबकि आम जनता की परेशानियों पर कोई ध्यान नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि जलभराव के कारण एक व्यक्ति की नाले के पास करंट लगने से मौत हो गई और इस पर भी सरकार चुप है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब हर जिम्मेदारी भाजपा के पास है, तो फिर नतीजों की जवाबदेही भी उसी की बनती है.
भविष्य की चेतावनी
कुलदीप कुमार ने यह कहते हुए भाजपा पर निशाना साधा कि जनता ने 27 साल बाद भाजपा को मौका दिया, लेकिन अब वह पछता रही है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार केवल बातों से नहीं, काम से जनता का विश्वास जीते. यदि भाजपा सरकार दिल्ली की समस्याओं से निजात दिलाना चाहती है, तो उसे जल्द और ठोस कदम उठाने होंगे, वरना जनता अगला निर्णय स्वयं कर लेगी.


