ये हैं भारत के 5 भव्य किले, घूमने में लग जाएंगे पूरे दिन, जानें खासियत
भारत का इतिहास केवल किताबों के पन्नों में कैद नहीं है, बल्कि यह देश के विशाल किलों, भव्य इमारतों और उत्कृष्ट स्थापत्य कला में आज भी जीवंत है. ये किले न केवल सैन्य शक्ति और शौर्य की मिसाल हैं, बल्कि वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत के अद्वितीय प्रतीक भी हैं.

भारत का इतिहास सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि यहां की भव्य इमारतों, किलों और स्थापत्य कला में भी जीवित है. देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे कई किले मौजूद हैं, जो न सिर्फ अपनी विशालता बल्कि ऐतिहासिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध हैं. ये किले भारत की शौर्यगाथा और वास्तुकला की मिसाल हैं.
अगर आप इतिहास प्रेमी हैं या फिर घूमने-फिरने के शौकीन हैं, तो भारत के इन 5 विशाल किलों की यात्रा आपकी बकेट लिस्ट में जरूर होनी चाहिए. आइए जानते हैं देश के इन ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में, जिनके लिए एक दिन की यात्रा भी कम पड़ सकती है.
चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित यह किला भारत का सबसे बड़ा किला माना जाता है. करीब 700 एकड़ में फैला यह दुर्ग एक पहाड़ी की चोटी पर बसा हुआ है और मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास को समेटे हुए है.यह किला रानी पद्मिनी और राणा रतन सिंह जैसे ऐतिहासिक पात्रों से जुड़ा है. अंदर आपको कई महल, मंदिर और जल स्त्रोत मिलते हैं. इसका इतिहास, वास्तुकला और दृश्यमानता हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है.
जोधपुर -राव जोधा की विरासत
15वीं शताब्दी में राव जोधा द्वारा बनवाया गया मेहरानगढ़ किला, जोधपुर की शान है. यह किला समुद्र तल से लगभग 400 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है. इसकी मोटी दीवारें और ऊँची बुर्जें इतिहास की दृढ़ता को दर्शाती हैं.
यहाँ एक म्यूजियम भी है जिसमें प्राचीन हथियार, पोशाकें और पालकियां सहेजी गई हैं. सूरज की रोशनी में यह किला बेहद आकर्षक लगता है.
ग्वालियर किला, मध्य प्रदेश
ग्वालियर किला न केवल अपनी विशालता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी मजबूती भी काबिल-ए-तारीफ है. लगभग 3 किलोमीटर लंबा और 1 किलोमीटर चौड़ा, यह किला खड़ी चट्टान पर बना हुआ है. किले में आप गुजरी महल, मान मंदिर, सास-बहू मंदिर, और टेलीस्कोप पॉइंट जैसी जगहें देख सकते हैं. इसकी वास्तुकला और ऊंचाई से शहर का नजारा अद्भुत लगता है.
गोलकोंडा किला, हैदराबाद
हैदराबाद के पुराने हिस्से में स्थित गोलकोंडा किला करीब 11 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. यह कुतुब शाही वंश की राजधानी रहा है और हीरों के व्यापार के लिए विश्वप्रसिद्ध था. कहा जाता है कि कोहिनूर हीरा भी यहीं से निकला था. इसकी खासियत यह है कि इसके मुख्य द्वार पर ताली बजाने से आवाज किले की ऊँचाई तक पहुंच जाती है.
लाल किला, दिल्ली
लाल किला, जिसे मुगल बादशाह शाहजहां ने 1648 में बनवाया था, देश की राजधानी दिल्ली का एक ऐतिहासिक प्रतीक है. यह किला लाल पत्थरों से बना है और यहाँ दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, रंग महल, और मोती मस्जिद जैसी ऐतिहासिक संरचनाएं स्थित हैं. हर साल स्वतंत्रता दिवस पर यहीं से प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं, जो इसे और अधिक ऐतिहासिक बना देता है.


