भारतीय सेना का गेम चेंजर: ‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव’ कमांडो बटालियन,1 नवंबर से दुश्मनों पर राज करने उतरेगी
Rudra Brigade and Bhairav Commando Battalion: रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव लाइट कमांडो बटालियन’ का धमाकेदार गठन किया जाएगा. भैरव कमांडो बटालियन 1 नवंबर से दुश्मनों पर राज करने उतरेगी.

Rudra Brigade and Bhairav Commando Battalion: कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई 2025) के अवसर पर भारतीय सेना ने अपनी सैन्य शक्ति और सीमा सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए दो नई पहलों की घोषणा की है. सेना ने ‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव लाइट कमांडो बटालियन’ का गठन किया है जो आधुनिक तकनीक कार्रवाई और तेजी से करेंगे.
इन दोनों नई सैन्य इकाइयों के गठन से भारतीय सेना की सीमा पर तैनाती और मल्टी-डोमेन वॉरफेयर क्षमता को बढ़ावा मिलेगा. सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के अनुसार, यह कदम सेना के आत्मनिर्भर और त्वरित प्रतिक्रिया आधारित युद्ध ढांचे की दिशा में एक निर्णायक पहल है.
‘रुद्र ब्रिगेड’
‘रुद्र ब्रिगेड’ भारतीय सेना की पहली ऑल-आर्म्स ब्रिगेड है, जिसमें पैदल सेना, मैकेनाइज्ड इंफेंट्री, टैंक, आर्टिलरी, स्पेशल फोर्सेज और ड्रोन यूनिट्स को एकीकृत किया गया है. इसका उद्देश्य पारंपरिक ब्रिगेडों के मुकाबले अधिक तेज, कुशल और आत्मनिर्भर ऑपरेशन करना है.
यह ब्रिगेड मल्टी-डोमेन वॉरफेयर की अवधारणा पर काम करेगी, यानी जमीनी, हवाई और तकनीकी मोर्चों पर एक साथ कार्रवाई करने की क्षमता रखेगी. ‘रुद्र ब्रिगेड’ को ड्रोन, लाइट टैंक, नाइट विजन सिस्टम और उच्च सटीकता वाले हथियार प्रणालियों से लैस किया गया है. सेना प्रमुख के अनुसार, यह ब्रिगेड इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (IBG) की उन्नत अवधारणा का नया स्वरूप है, जो भविष्य के युद्ध की दिशा तय करेगी.
पहली ‘रुद्र ब्रिगेड’ की तैनाती उत्तरी कमांड के 16 कॉर्प क्षेत्र में की जा चुकी है. इससे सीमा पर प्रतिक्रिया समय में कमी आएगी और ऑपरेशनल तालमेल और तेज होगा.
1 नवंबर तक डिप्लॉय की जाएंगी 5 भैरव बटालियनें
‘भैरव लाइट कमांडो बटालियन’ भारतीय सेना की नई क्विक रिएक्शन यूनिट होगी. इन बटालियनों में लगभग 250 अत्यधिक प्रशिक्षित जवान होंगे, जिनका मुख्य कार्य सीमा पर घुसपैठ रोकना, टोही मिशन और दुश्मन की चौकियों पर सटीक छापेमारी करना होगा.
पहली पांच भैरव बटालियनों को 31 अक्टूबर 2025 तक तैयार किया जाएगा. इनमें तीन उत्तर भारत में लेह (14 कोर), श्रीनगर (15 कोर) और नागरोटा (16 कोर) तैनात होंगी. शेष दो बटालियनें पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं पर तैनात की जाएंगी. भविष्य में कुल और 23 बटालियनों का गठन करने की योजना है.
इन कमांडो इकाइयों को स्पेशल फोर्सेज के साथ विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और इन्हें नाइट विजन उपकरण, ड्रोन और हाई-टेक कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस किया जाएगा, ताकि किसी भी परिस्थिति में त्वरित और सटीक कार्रवाई की जा सके.
सीमा सुरक्षा में नई ताकत
‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव बटालियनों’ का गठन भारतीय सेना की सीमाओं की सुरक्षा और रणनीतिक क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा. इन पहलों से सेना न केवल अधिक तेजी और प्रभावी तरीके से कार्रवाई कर सकेगी, बल्कि भविष्य के हाइब्रिड युद्धों में भी निर्णायक बढ़त बनाए रखेगी.
सेना प्रवक्ता के अनुसार, यह कदम भारतीय सेना को आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से सक्षम और बहुआयामी युद्ध संरचना वाली शक्ति के रूप में स्थापित करेगा.


