अब आसान नहीं आधार पाना: वयस्कों के लिए नामांकन प्रक्रिया हुई सख्त
UIDAI ने वयस्कों के आधार नामांकन की प्रक्रिया सख्त कर दी है. अब पासपोर्ट, पैन, राशन कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज़ों का ऑनलाइन सत्यापन जरूरी होगा. यह कदम फर्जी दस्तावेज़ों से आधार लेने वालों को रोकने के लिए उठाया गया है ताकि केवल सत्यापित नागरिकों को ही आधार मिले.

आधार कार्ड को भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाता, बल्कि यह केवल एक पहचान प्रमाण है, फिर भी हाल के नियमों में बदलाव के बाद अब इसके नामांकन की प्रक्रिया को अधिक सख्त और सुरक्षित बनाया जा रहा है. आधार अधिनियम की धारा 9 स्पष्ट रूप से कहती है कि आधार नागरिकता या निवास का प्रमाण नहीं है, लेकिन सरकार अब यह सुनिश्चित करने के प्रयास में है कि यह पहचान संख्या केवल भारत के नागरिकों को ही मिले.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार नामांकन और अपडेट के लिए नए सुरक्षा उपायों की योजना बनाई है. भविष्य में वयस्कों के नामांकन के लिए पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र और मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेजों के ऑनलाइन डेटाबेस से जानकारी सत्यापित की जाएगी. इसके अतिरिक्त, केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मनरेगा रजिस्ट्रेशन और बिजली बिल जैसी जानकारी को भी जांच का हिस्सा बनाया जा रहा है.
वयस्कों के आधार नामांकन में नया बदलाव
अब तक 140 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से कई दिवंगत लोगों के भी हैं. देश के लगभग सभी वयस्कों को आधार मिल चुका है, और अब नवजात शिशुओं को भी जन्म के तुरंत बाद आधार दिया जा रहा है. इसी कारण, सरकार ने नए वयस्कों के नामांकन के नियमों को सख्त करने का निर्णय लिया है ताकि फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर अवैध रूप से आधार प्राप्त करने वालों को रोका जा सके.
जाँच के लिए होगा दस्तावेज़ों का डिजिटल सत्यापन
बीते वर्षों में यह देखा गया है कि कुछ अवैध प्रवासियों ने जाली दस्तावेज़ों की मदद से आधार प्राप्त किया और फिर अन्य सरकारी सुविधाओं व पहचान पत्रों के लिए इसका इस्तेमाल किया. इस खतरे को देखते हुए, अब प्रमाणपत्रों की जांच की ज़िम्मेदारी राज्यों को दी गई है, जो कि राज्य पोर्टल के माध्यम से कठोर सत्यापन के बाद ही आधार जारी करते हैं.
आधार पाना हुआ मुश्किल
एक अधिकारी ने कहा, “अब किसी भी अवैध प्रवासी के लिए आधार पाना बेहद कठिन हो जाएगा.” इस कदम से यह संकेत मिलता है कि सरकार आधार को एक मजबूत और सुरक्षित पहचान प्रणाली के रूप में स्थापित करने के लिए गंभीर है. साथ ही, आधार का दुरुपयोग कर नागरिकता जैसे संवेदनशील अधिकार हासिल करने की कोशिशों पर भी रोक लगाई जा सकेगी.


