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असम में फिर कहर बनकर लौटा जापानी इंसेफलाइटिस, अब तक 10 लोगों की मौत, 44 केस जीएमसीएच में दर्ज

असम में एक बार फिर जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) ने डर पैदा कर दिया है. साल 2025 में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (GMCH) में अब तक इस खतरनाक मच्छर जनित बीमारी के 44 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 10 मरीजों की मौत हो चुकी है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

असम में एक बार फिर जानलेवा बीमारी जापानी इंसेफलाइटिस (Japanese Encephalitis) का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (GMCH) में इस साल 2025 में अब तक 44 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 10 मरीजों की मौत हो चुकी है. यह जानकारी GMCH के प्राचार्य और मुख्य अधीक्षक डॉ. अच्युत चंद्र बैश्य ने दी है. सबसे ज्यादा मामले जून के महीने में सामने आए हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.

जापानी इंसेफलाइटिस मच्छर से फैलने वाला एक खतरनाक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से संक्रमित क्यूलैक्स (Culex) मच्छरों के काटने से फैलता है. वायरस का चक्र जलपक्षियों और सूअरों के बीच चलता रहता है, जबकि इंसान को यह बीमारी गलती से होती है. इंसानों से इंसानों में यह वायरस नहीं फैलता.

जून में बढ़े केस, सरकार सतर्क

डॉ. बैश्य के अनुसार, मई की तुलना में जून महीने में जापानी इंसेफलाइटिस के मामलों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है. यह वृद्धि इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि असम पहले से ही JE से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक रहा है.

किन जिलों में फैला है इंफेक्शन?

GMCH में भर्ती मरीजों में असम के कई जिलों से आए मामले शामिल हैं:

कामरूप ग्रामीण: 14 मामले

नलबाड़ी: 10 मामले

दरंग: 7 मामले

कामरूप (मेट्रो): 3 मामले

यह व्यापक प्रसार बताता है कि बीमारी केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राज्य में इसके खिलाफ सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है.

2015 से 2024 के बीच 840 से ज्यादा मौतें

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 से 2024 के बीच असम में जापानी इंसेफलाइटिस से 843 लोगों की मौत हुई है.

वर्षवार मौतें इस प्रकार रही:

2015: 135

2016: 92

2017: 87

2018: 94

2019: 161

2020: 51

2021: 40

2022: 96

2023: 34

2024: 53

दिल्ली में भी मिला था एक मामला

हालांकि JE आमतौर पर उत्तर-पूर्वी राज्यों में देखा जाता है, नवंबर 2024 में दिल्ली के उत्तम नगर से एक अकेला मामला सामने आया था. मरीज 72 वर्षीय बुजुर्ग थे, जिन्हें डायबिटीज और हृदय संबंधी समस्याएं थीं. 6 नवंबर को IgM ELISA से पॉजिटिव पाए जाने के बाद 15 नवंबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में यह केस अन्य राज्य से आया हुआ था और किसी स्थानीय संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई.

क्या है जापानी इंसेफलाइटिस?

यह मच्छर से फैलने वाला वायरल संक्रमण है

मुख्य रूप से सूअर और जलपक्षी इसके वाहक हैं

इंसान इस वायरस के "डेड एंड होस्ट" होते हैं

वायरस इंसानों के बीच नहीं फैलता

संक्रमण से तेज बुखार, सिरदर्द और तंत्रिका तंत्र पर असर होता है

गंभीर मामलों में मौत तक हो सकती है

सरकार की तैयारी और लोगों के लिए एडवाइजरी

स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में निगरानी तेज कर दी है और प्रभावित जिलों में मच्छर नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है. डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं लेकिन पूरी सतर्कता बरतें:

घर के आसपास पानी जमा न होने दें

पूरी बांह के कपड़े पहनें

मच्छरदानी का प्रयोग करें

JE टीकाकरण में सहयोग करें

डॉ. अच्युत चंद्र बैश्य के मुताबिक लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना बेहद जरूरी है. मच्छर नियंत्रण और समय पर वैक्सीनेशन ही इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है."

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02 July 2025, 04:30 PM IST

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