बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से राज्य क्रिकेट संघ को बड़ी राहत, नहीं होगी कोई कार्रवाई
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु भगदड़ मामले में केएससीए के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई है. 4 जून को आरसीबी के सम्मान समारोह में भगदड़ मची थी, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई थी. अदालत ने केएससीए को गिरफ्तारी से राहत दी है और अगली सुनवाई 16 जून तय की गई है.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण आदेश में राज्य प्रशासन को निर्देश दिया कि वह बेंगलुरु स्टेडियम भगदड़ प्रकरण में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न करे. यह फैसला संघ के पदाधिकारियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया, जिन्हें इस मामले में भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत नामजद किया गया था. इस मामले में केएससीए के साथ-साथ रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर भी केस दर्ज किया गया है.
दुर्घटना में 11 की मौत, 56 घायल
4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ उस समय इकट्ठा हो गई थी जब आईपीएल 2024 की विजेता टीम आरसीबी के सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 56 अन्य घायल हो गए. इसके बाद पुलिस ने आयोजन से जुड़े तीन पक्षों पर ‘आपराधिक लापरवाही’ का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी.
केएससीए अधिकारियों की याचिका
इस मामले में केएससीए के प्रबंधन समिति के तीन प्रमुख अधिकारी अध्यक्ष रघुराम भट, सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ई.एस. जयराम ने हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से राहत की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी. न्यायमूर्ति एस.आर. कृष्ण कुमार ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगली सुनवाई तक केएससीए के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा, बशर्ते वे जांच में पूरा सहयोग करें. उन्होंने साथ ही यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता बिना अनुमति के राज्य से बाहर न जाएं.
सरकार का पक्ष और जवाब
राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता शशि किरण ने अदालत में तर्क दिया कि जांच जारी रहेगी, लेकिन अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि आरसीबी के एक अधिकारी को दुबई भागने की कोशिश करते समय एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है. इस पर एजी ने भी पुष्टि की कि उसे भागने के प्रयास में पकड़ा गया था.
केएससीए ने जिम्मेदारी से किया इनकार
केएससीए ने कोर्ट में यह स्पष्ट किया कि उस पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत और राजनीतिक दबाव में पुलिस की जल्दबाजी का नतीजा हैं. एसोसिएशन ने कहा कि उसने इस घटना में किसी भी प्रकार की भूमिका नहीं निभाई थी और केवल स्टेडियम किराये पर देने तक ही उसकी जिम्मेदारी सीमित थी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि समारोह का आयोजन विधान सौधा में किया गया था, न कि स्टेडियम में.
आगे की सुनवाई 16 जून को
अदालत ने फिलहाल केएससीए के अधिकारियों को गिरफ्तारी से संरक्षण देते हुए इस मामले को 16 जून तक के लिए स्थगित कर दिया है.


