अभी कई परतें खुलना बाकी! 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजी गई पाकिस्तानी जासूस ज्योति मल्होत्रा
हिसार की अदालत ने यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के साथ कथित जासूसी के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. पुलिस ने उनके मोबाइल और लैपटॉप से 12TB से अधिक डिजिटल डेटा बरामद किया है, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ संपर्क और विदेशी धन के स्रोत से जुड़ी जांच चल रही है. सुरक्षा एजेंसियां मामले की गहनता से जांच कर रही हैं. यह मामला सोशल मीडिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संबंध पर गंभीर सवाल उठाता है.

हिसार की अदालत ने रविवार को मशहूर यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. मल्होत्रा पर पाकिस्तान के साथ कथित जासूसी संबंधों के आरोप लगे हैं और इस मामले में उसकी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच में महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं. इसके बाद यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को अदालत में पेश किया गया.
डिजिटल साक्ष्य से मिले गंभीर सबूत
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल फोन और लैपटॉप से कुल 12TB से ज्यादा डिजिटल डेटा बरामद किया गया है. इस फोरेंसिक विश्लेषण में कम से कम चार ऐसे व्यक्तियों के साथ उसकी आमने-सामने की बातचीत सामने आई है, जिन्हें PIO यानी पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इसके अलावा, संदिग्ध मनी ट्रेल्स और पाकिस्तान की यात्रा के दौरान उसे प्राप्त विशेष वीआईपी ट्रीटमेंट के भी प्रमाण मिले हैं.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क
जांच अधिकारियों का मानना है कि ज्योति मल्होत्रा सीधे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में थी. उसे पाकिस्तानी गृह मंत्रालय से विशेष सुरक्षा मंजूरी और विशेषाधिकार भी प्राप्त थे. पाकिस्तान में हुई उसकी यात्रा के एक वायरल वीडियो में वह सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों के बीच नजर आई, जिसने उसके संबंधों को लेकर और सवाल खड़े कर दिए हैं.
विदेशी धन के स्रोत की जांच जारी
हिसार पुलिस ने बताया कि वे अभी भी ज्योति द्वारा कथित रूप से प्राप्त विदेशी धन के स्रोत की जांच कर रहे हैं. हालांकि फिलहाल उन्होंने पुलिस रिमांड की मांग नहीं की है, परंतु बरामद डिजिटल साक्ष्य की गहराई से पड़ताल की जा रही है. अधिकारियों का दावा है कि समय पर हुई गिरफ्तारी ने एक संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा संकट को टाल दिया है.
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और कार्रवाई
इस मामले में सुरक्षा एजेंसियां अत्यंत सतर्क हैं और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर जांच तेजी से आगे बढ़ा रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं की भूमिका और उनकी गतिविधियों पर नजर रखना आवश्यक हो गया है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा बन सकता है.
सामाजिक और कानूनी प्रभाव
ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ ये आरोप सोशल मीडिया के लिए भी एक चेतावनी हैं कि व्यक्तिगत जानकारी और संचार की सुरक्षा को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. साथ ही, इस केस ने यह भी साबित किया है कि ऑनलाइन गतिविधियों की जांच कराना और डिजिटल फोरेंसिक रिपोर्टें तैयार करना आज के समय में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है.