महबूबा मुफ्ती ने दिया भड़काऊ बयान: 'भारत और बांग्लादेश में फर्क क्या है?'
महबूबा मुफ्ती ने भारत और बांग्लादेश की स्थिति की तुलना करते हुए ऐसा बयान दिया, जिसने सियासी माहौल गर्मा दिया. भाजपा ने इसे राष्ट्र-विरोधी बताया, तो महबूबा ने धर्मनिरपेक्षता की दुहाई दी. साथ ही, उन्होंने बेरोजगारी, ईवीएम विवाद और धार्मिक स्थलों पर हो रहे झगड़ों पर केंद्र को घेरा. पूरा मामला जानने के लिए खबर जरूर पढ़ें!

Mufti Mufti Controversial Statement: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के एक बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की तुलना भारत की स्थिति से की और कहा कि अगर भारत में भी अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा ही हो रहा है तो भारत और बांग्लादेश में कोई अंतर नहीं है. इस बयान के बाद भाजपा और अन्य नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
क्या कहा महबूबा मुफ्ती ने?
महबूबा मुफ्ती ने रविवार को जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं. अगर भारत में भी अल्पसंख्यकों पर ऐसा ही हो रहा है, तो भारत और बांग्लादेश में क्या अंतर है?' उन्होंने भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश बताते हुए कहा कि यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है.
Party President Ms. Mehbooba Mufti ( @MehboobaMufti ) while speaking in Jammu compared India’s treatment of minorities to Bangladesh, warning against compromising the secular fabric. Cites rising communal tensions, joblessness, poor infrastructure & electoral discrepancies as… pic.twitter.com/Oym2BGRh3s
— J&K PDP (@jkpdp) December 1, 2024
उन्होंने संभल मस्जिद विवाद, बेरोजगारी और ईवीएम मुद्दों पर भी केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए. उनका कहना था कि देश 1947 की स्थिति की ओर बढ़ रहा है और धार्मिक स्थलों पर विवाद देश को कमजोर कर रहा है.
भाजपा ने महबूबा को घेरा
भाजपा ने इस बयान को 'राष्ट्र-विरोधी' करार दिया. जम्मू-कश्मीर भाजपा के वरिष्ठ नेता रविंदर रैना ने कहा, 'बांग्लादेश और भारत की तुलना करना पूरी तरह गलत है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों और मानवाधिकारों के हनन की स्थिति किसी से छिपी नहीं है.' उन्होंने जम्मू-कश्मीर सरकार से महबूबा मुफ्ती के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
बेरोजगारी और ईवीएम पर महबूबा का हमला
महबूबा मुफ्ती ने देश में बढ़ती बेरोजगारी पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी की स्थिति बेहद खराब है. साथ ही, ईवीएम में छेड़छाड़ के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि 'चुनाव आयोग विपक्ष की चिंताओं पर ध्यान नहीं दे रहा है.'
'अस्पतालों की हालत खराब, मंदिर-मस्जिद पर झगड़ा'
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि देश में अस्पताल और शिक्षा प्रणाली बेहतर होने की बजाय धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे पास अच्छे अस्पताल या स्कूल नहीं हैं, लेकिन मस्जिदों को गिराकर मंदिर ढूंढ़ने का प्रयास हो रहा है.'
विवाद का कारण बना बयान
महबूबा मुफ्ती का बयान कई नेताओं को पसंद नहीं आया. विपक्ष का कहना है कि यह बयान उनकी पार्टी पीडीपी को फिर से खड़ा करने की कोशिश का हिस्सा है.
महबूबा मुफ्ती के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. जहां भाजपा इसे देश विरोधी करार दे रही है, वहीं मुफ्ती अपने बयान पर अडिग हैं. सवाल यह है कि क्या उनके बयान से देश में धार्मिक और सामाजिक तनाव बढ़ेगा या यह एक राजनीतिक दांव भर है?


