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मद्रास हाईकोर्ट के जज के खिलाफ महाभियोग लेकर आया इंडिया ब्लॉक, जानें क्या है पूरा मामला

इंडिया गठबंधन के सांसदों ने मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन के खिलाफ कार्यवाई को लेकर मंगलवार को महाभियोग नोटिस लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दिया है.

मंगलवार (9 दिसंबर) को इंडिया गठबंधन के सांसदों ने मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है. जिसके लिए उन्होंने महाभियोग नोटिस लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दिया है. यह कदम थिरुपरनकुन्द्रम पहाड़ी पर पारंपरिक दीपक जलाने के विवाद से जुड़ा है, जहां जज के फैसले ने राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया. 

विवाद की जड़ क्या है ?

थिरुपरनकुन्द्रम मदुरै के पास एक पवित्र स्थल है, जहां सुब्रमण्या स्वामी मंदिर के साथ-साथ सिकंदर बादूशा दरगाह भी स्थित है. कार्तिगाई दीपम त्योहार के दौरान हिंदू श्रद्धालु पारंपरिक रूप से दीपक जलाते हैं. लेकिन इस बार विवाद तब भड़का जब कुछ हिंदू संगठनों ने मंदिर के पास दीपथून (दीपक स्तंभ) पर दीपक जलाने की मांग की, जो दरगाह के नजदीक है. 

मदुरै बेंच के जस्टिस स्वामीनाथन ने 1 दिसंबर को राम रविकुमार की याचिका पर सुनवाई की. उन्होंने 4 दिसंबर शाम 6 बजे तक दीपक जलाने की इजाजत दी, मंदिर प्रशासन और दरगाह समिति की आपत्तियों को खारिज करते हुए जज ने कहा कि यह तमिल संस्कृति का हिस्सा है और इससे मुस्लिम समुदाय के अधिकार प्रभावित नहीं होंगे. उन्होंने छोटे समूह को पुलिस निगरानी में अनुमति दी. 

राज्य सरकार का विरोध

तमिलनाडु सरकार ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर फैसले को लागू नहीं किया. 4 दिसंबर को हिंदू मक्कल कटची, हिंदू तमिलर कटची जैसे संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, पुलिस से झड़प भी हुई, जिसके कारण साम्प्रदायिक तनाव और बढ़ गया. 5 दिसंबर को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल जज के आदेश को बरकरार रखा, लेकिन राज्य ने फिर नजरअंदाज किया. अब अवमानना का केस चल रहा है. 

महाभियोग नोटिस में क्या आरोप ?

डीएमके की कनिमोझी, टीआर बालू, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाद्रा समेत 120 सांसदों ने संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत नोटिस दिया. आरोप हैं कि जज का आचरण निष्पक्षता पर सवाल उठाता है. उन पर वरिष्ठ वकील और खास समुदाय के वकीलों को फायदा पहुंचाने, राजनीतिक विचारों से प्रभावित फैसले देने का इल्जाम है. बता दें, इसे धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया गया. राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस को पत्र की कॉपी भी भेजी गई. 

बीजेपी ने इंडिया ब्लॉक को बताया हिंदू-विरोधी 

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की SLP पर सुनवाई को सहमति दी. भाजपा के के.अन्नामलाई ने एक्स पर इंडिया ब्लॉक को हिंदू-विरोधी बताया. उनका कहना है कि यह अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति है और राजनीतिक दबाव से न्यायपालिका को कमजोर करता है.

वीसीके नेता थोल थिरुमावलावन ने भी जज के फैसले को संविधान-विरोधी कहा. यह घटना न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच टकराव को उजागर करती है, जो 2026 चुनावों से पहले तमिलनाडु की राजनीति को प्रभावित कर सकती है.

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09 December 2025, 02:58 PM IST

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