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चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में लोकसभा LoP और CJI को शामिल करें... मनीष तिवारी ने SIR बहस के दौरान रखा प्रस्ताव

मनीष तिवारी ने सदन में तीखा सवाल उठाया कि कई राज्यों में वोटर लिस्ट की जांच-पड़ताल जोरों पर चल रही है, लेकिन चुनाव आयोग के पास ये बताने को कोई कानूनी आधार ही नहीं है कि ये सब करना जरूरी क्यों है. उन्होंने सरकार से सीधे संसद में लिखित जवाब मांगा – आखिर अलग-अलग क्षेत्रों में एसआईआर की जरूरत क्यों पड़ी? इसके पीछे की असली वजह क्या है, वो कागज पर लेकर आएं.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को मतदाता सूची की स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) पर बहस के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने चुनाव आयोग में व्यापक सुधारों की मांग उठाई. मनीष तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन से जुड़े कानून में तुरंत संशोधन होना चाहिए, ताकि चयन समिति में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष (LoP) और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को शामिल किया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के सर्वोच्च चुनावी संस्थान की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. उनके अनुसार, आयोग की विश्वसनीयता पर उठते सवाल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए चिंता का विषय हैं.

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया बदले

लोकसभा में बहस की शुरुआत करते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि पहला सुधार यही होना चाहिए कि चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन को लेकर बने कानून में संशोधन किया जाए. मेरी राय है कि लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश को भी चयन समिति में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि चयन प्रक्रिया में विविध प्रतिनिधित्व शामिल किया जाए, तो चुनाव आयोग की साख और पारदर्शिता दोनों बढ़ेंगी. तिवारी ने आगे कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहां कई सदस्य चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने को मजबूर हो रहे हैं.

SIR पर चुनाव आयोग की चुप्पी पर उठाए सवाल

कांग्रेस सांसद ने बताया कि देश के कई राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन प्रक्रिया चल रही है, लेकिन चुनाव आयोग के पास इसका कोई स्पष्ट कानूनी आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि SIR कई राज्यों में चल रहा है, लेकिन चुनाव आयोग के पास इसे कराने का कोई कानूनी औचित्य नहीं है. मैं मांग करता हूं कि सरकार संसद में लिखित रूप से बताए कि अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में SIR की जरूरत क्यों पड़ी.

EVM के सोर्स कोड पर अब तक...

मनीष तिवारी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार यह पूछताछ की है कि EVM का सोर्स कोड किसके पास है, लेकिन उन्हें अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा कि EVM में छेड़छाड़ हो रही है, लेकिन जनता को चिंता है कि इसमें छेड़छाड़ हो सकती है. आज तक मुझे यह जवाब नहीं मिला कि EVM का सोर्स कोड किसके पास है. चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत रखने के लिए चुनाव आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता बेहद आवश्यक है. उन्होंने कहा कि SIR, EVM और चयन प्रक्रिया जैसे मुद्दों पर स्पष्टता न होना जनता के विश्वास को कमजोर कर सकता है.

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09 December 2025, 02:45 PM IST

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