विदेश से लारेंस बिश्नोई के लिए आया महंगा तोहफा! साबरमती जेल पहुंचते ही खुला बड़ा राज, साजिश की आशंका
गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के लिए ऑस्ट्रेलिया से गुजरात की साबरमती जेल में एक संदिग्ध कोरियर पहुंचा, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. यह पार्सल गुजरात के विदेशी डाकघर पर पकड़ा गया, जिसमें एक तौलिया और हाई-पावर शेवर था. कोरियर वंदना गौर नाम से भेजा गया था, लेकिन जांच में पता और नाम फर्जी निकला.

भारत की सबसे हाई-प्रोफाइल जेलों में से एक, गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार वजह है ऑस्ट्रेलिया से उसके नाम पर आया एक संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय पार्सल, जिसमें बेशकीमती तौलिए और हाई-पावर शेवर शामिल थे. जैसे ही यह कोरियर विदेशी डाक केंद्र पर पकड़ा गया, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं और शक के घेरे में आ गई यह 'विदेशी मेहरबानी'.
सूत्रों के मुताबिक, यह कोरियर गुजरात के उस विदेशी डाकघर में पकड़ा गया जो अंतरराष्ट्रीय शिपमेंट को संभालता है. प्रारंभिक जांच में जो बातें सामने आई हैं, उसने एजेंसियों की चिंता और भी बढ़ा दी है. यह संदेह गहराता जा रहा है कि यह महज एक तौलिया और शेवर की बात नहीं है—बल्कि जेल में कुछ बड़ा पहुंचाने की टेस्टिंग हो सकती है.
ऑस्ट्रेलिया से आया 'रहस्यमयी' पार्सल
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पार्सल वंदना गौर नाम की महिला के नाम से भेजा गया था, जिसका पता ऑस्ट्रेलिया में दर्ज था. जांच के दौरान यह नाम और पता फर्जी निकले. कोरियर में एक तौलिया और एक शक्तिशाली शेवर पाया गया. इन साधारण चीज़ों के लिए विदेशी पार्सल भेजा जाना, वह भी इतने भारी खर्च पर, अधिकारियों के संदेह को और गहरा कर गया.
क्या जेल में घुसपैठ की टेस्टिंग थी?
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि यह पार्सल एक 'टेस्ट रन' था—यह देखने के लिए कि क्या जेल तक कोई चीज़ सुरक्षित रूप से पहुंचाई जा सकती है या नहीं. अधिकारियों को आशंका है कि अगर यह प्रयोग सफल होता, तो अगली बार इसके ज़रिए कुछ और संवेदनशील या अवैध वस्तुएं भेजी जा सकती थीं.
₹7000 खर्च सिर्फ एक तौलिया और शेवर के लिए?
इस पार्सल पर 7000 रुपये का अंतरराष्ट्रीय डाक शुल्क चुकाया गया है, जो आमतौर पर इतनी छोटी और साधारण वस्तुओं के लिए बहुत अधिक है. यही खर्च इस पार्सल को संदेह के घेरे में लाता है. सुरक्षाकर्मी इस बात को लेकर गंभीर हैं कि इतनी अधिक रकम खर्च करने का उद्देश्य क्या था?
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी कोशिशें
यह पहली बार नहीं है जब लारेंस बिश्नोई या किसी अन्य हाई-प्रोफाइल कैदी के लिए संदिग्ध चीजें जेल तक पहुंचाने की कोशिश की गई हो. इससे पहले भी कई राज्यों से ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां जेल सुरक्षा को चकमा देकर मोबाइल, ड्रग्स या अन्य अवैध चीजें पहुंचाने की कोशिश हुई है.
सुरक्षा एजेंसियों ने शुरू की जांच
इस पूरे मामले की जांच सुरक्षा एजेंसियों ने अपने हाथ में ले ली है. पार्सल भेजने वाले, ऑस्ट्रेलिया के पते और इससे जुड़े किसी भी संभावित नेटवर्क की जांच की जा रही है. जेल प्रशासन ने इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी है.
क्या बोले अधिकारी?
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा,
"यह पार्सल सिर्फ एक तौलिया और शेवर तक सीमित नहीं है, इसके पीछे कुछ और बड़ा हो सकता है. हमारी एजेंसियां हर पहलू की जांच कर रही हैं."
लारेंस पर क्यों बढ़ रही है नजर?
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामजद लारेंस बिश्नोई पहले ही कई राज्यों की पुलिस और NIA के निशाने पर है. ऐसे में जेल के भीतर उसकी गतिविधियों पर नजर रखना एजेंसियों के लिए जरूरी हो गया है.


