अमरनाथ यात्रा पर प्रकृति का कहर, भूस्खलन में गई एक जान, तीन घायल
जम्मू-कश्मीर में चल रही अमरनाथ यात्रा एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गई है. बुधवार शाम गांदरबल जिले के रेलपथरी क्षेत्र में भूस्खलन की घटना में राजस्थान की एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए. हादसे के तुरंत बाद बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया, जिससे बालटाल मार्ग आंशिक रूप से खोला जा सका.

जम्मू-कश्मीर में जारी अमरनाथ यात्रा के दौरान बुधवार शाम गांदरबल जिले के रेलपथरी क्षेत्र में भूस्खलन की चपेट में आने से एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए. यह हादसा बालटाल मार्ग पर हुआ, जो अमरनाथ यात्रा के मुख्य रास्तों में से एक है.
हादसे के बाद यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. प्रशासन ने 17 जुलाई को भारी बारिश और खराब मौसम के कारण यात्रा को पूरी तरह से स्थगित करने का फैसला लिया है. जब तक मौसम सामान्य नहीं होता, तब तक नई श्रद्धालु टुकड़ियों को भगवती नगर बेस कैंप से आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा.
हादसे में राजस्थान की महिला श्रद्धालु की मौत
भूस्खलन में राजस्थान की 55 वर्षीय श्रद्धालु 'सोना बाई' की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य श्रद्धालु घायल हुए हैं. घायलों को तुरंत बालटाल बेस कैंप हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
BRO ने मलबा हटाकर मार्ग आंशिक रूप से किया साफ
बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) की टीम ने तत्काल एक्शन लेते हुए रेलपथरी इलाके में गिरे मलबे को हटाया, जिसके बाद बालटाल मार्ग आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है. हालांकि, सुरक्षा कारणों के चलते फिलहाल यात्रा पूरी तरह शुरू नहीं की गई है.
अब तक 15 श्रद्धालुओं की मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल की अमरनाथ यात्रा के दौरान अब तक कुल 15 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. इनमें अधिकतर मौतें प्राकृतिक कारणों या दुर्घटनाओं के चलते हुई हैं.
मौसम विभाग का रेड अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कश्मीर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और मानसून की टकराहट के कारण अगले 24 घंटों में दक्षिण कश्मीर में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. मध्य और उत्तर कश्मीर में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ सकती हैं.
जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भी भूस्खलन
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे (NH-44) पर भी भूस्खलन के कारण कुछ समय के लिए यातायात बाधित हुआ था, लेकिन प्रशासन ने सड़क को साफ कर दोबारा खोल दिया है.
शिविर में मौजूद श्रद्धालुओं को उतरने की अनुमति
हालांकि नई टुकड़ियों को यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी गई है, लेकिन गुफा में मौजूद श्रद्धालुओं को बालटाल और पहलगाम रूट से नीचे बेस कैंप तक आने की इजाजत दी गई है, ताकि वे सुरक्षित स्थान तक पहुंच सकें.
केवल आधिकारिक सूचना पर ही करें भरोसा
प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और मौसम के अनुकूल होते ही यात्रा को दोबारा शुरू करने की योजना बनाई जाएगी. इस बीच श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे केवल श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (jksasb.nic.in) की आधिकारिक वेबसाइट या पहलागाम व बालटाल के संयुक्त पुलिस नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर ही कोई निर्णय लें.


