ट्रंप की टैरिफ नीति से अमेरिका को 50 अरब डॉलर का फायदा, चीन-कनाडा ही कर पाए जवाब
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीति ने अमेरिका को आर्थिक रूप से बड़ा फायदा पहुंचाया है. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक आलोचनाओं के बावजूद अमेरिका को इस नीति से 50 अरब डॉलर का अतिरिक्त कस्टम राजस्व प्राप्त हुआ है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ रणनीति ने अमेरिकी खजाने में जबरदस्त कमाई दर्ज की है. फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आलोचनाओं के बावजूद, ट्रंप की टैरिफ नीति के चलते अमेरिका को करीब 50 अरब डॉलर का अतिरिक्त कस्टम राजस्व मिला है. दिलचस्प बात यह है कि चीन और कनाडा को छोड़कर अधिकांश व्यापारिक साझेदारों ने कोई बड़ा प्रतिरोध नहीं किया.
ट्रंप की नीतियों को पहले मजाक का विषय माना जाता था, लेकिन अब वही रणनीति अमेरिका के राजस्व को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही है. अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों द्वारा पलटवार न करने की स्थिति ने ट्रंप की स्थिति को आगामी चुनावी माहौल में और भी मज़बूत बना दिया है.
अमेरिका ने कैसे कमाए 50 अरब डॉलर?
फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, "अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों ने बड़े स्तर पर प्रतिरोध नहीं किया." ट्रंप द्वारा लगाए गए वैश्विक टैरिफ जिनमें आयात पर न्यूनतम 10% शुल्क, स्टील और एल्युमिनियम पर 50% टैक्स और ऑटोमोबाइल पर 25% टैरिफ शामिल हैं के बाद अमेरिका का कस्टम्स राजस्व 64 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 47 अरब डॉलर अधिक है.
चीन और कनाडा ही दे पाए जवाब
रिपोर्ट में कहा गया कि केवल चीन और कनाडा ने ही ट्रंप के टैरिफ्स का बड़ा जवाब दिया. हालांकि, चीन द्वारा लगाए गए शुल्क से भी अमेरिका को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. मई 2025 में चीन की ओर से अमेरिकी उत्पादों पर ड्यूटी से मिली कमाई में महज 1.9% की बढ़ोतरी दर्ज की गई.वहीं कनाडा, जिसने ट्रंप की नीति की मुखर आलोचना की थी, अभी तक दूसरी तिमाही का कोई डेटा जारी नहीं कर पाया है और उसका जवाब भी काफी सीमित रहा है.
यूरोपीय संघ ने क्यों दिखाया संयम?
यूरोपीय यूनियन, जो दुनिया का सबसे बड़ा ट्रेडिंग ब्लॉक है, ने जवाबी टैरिफ का मसौदा तो तैयार कर लिया है, लेकिन उसे 1 अगस्त तक होने वाली बातचीत तक टाल दिया है. यह देरी भी ट्रंप को कूटनीतिक बढ़त दिला रही है.
"ट्रंप अब कैश कमा रहे हैं"
रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप, जिन्हें पहले यह कहकर चिढ़ाया जाता था कि वे हमेशा पीछे हट जाते हैं, अब वही सबसे ज़्यादा मुनाफा कमा रहे हैं. ट्रंप समर्थकों का कहना है कि इस रणनीति ने अमेरिका को बिना किसी आर्थिक नुकसान के अन्य देशों को बातचीत की मेज तक आने के लिए मजबूर कर दिया.
जून में रिकॉर्डतोड़ कलेक्शन
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में कस्टम ड्यूटी कलेक्शन 100 अरब डॉलर के पार चला गया, जिससे सरकार को अप्रत्याशित 27 अरब डॉलर का बजट सरप्लस मिला. जून में ग्रॉस कलेक्शन 27.2 अरब डॉलर और नेट कलेक्शन 26.6 अरब डॉलर रहा, जो कि अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
ट्रंप की नीतियों की आलोचना जरूर हुई, लेकिन राजस्व के मामले में अमेरिका को इसका बड़ा लाभ मिला है. जबकि अन्य देश अब भी अपने जवाबी रणनीति तय करने में उलझे हैं, ट्रंप इसे चुनावी हथियार बना सकते हैं.


