दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ विपक्ष का संसद के बाहर हंगामा, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे रहे मौजूद
दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदूषण को लेकर गुरूवार संसद परिसर में विपक्षी द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान विपक्ष के कुछ सांसद मास्क लगाएं हुए दिखाई दिए.

नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदुषण को लेकर गुरूवार संसद परिसर में विपक्षी द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान विपक्ष के कुछ सांसद मास्क लगाएं हुए दिखाई दिए. इस दौरान वह सरकार की ‘चुप्पी’ का मुद्दा उठाते हुए विपक्षी सांसद मकर द्वार पर इकट्ठा हुआ. कुछ लोग मास्क के साथ-साथ हाथों में प्रदूषण के खिलाफ लिखे बैनर और पोस्टर लिए हुए दिखाई दिए. बता दें, इस प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने किया.
प्रदूषण को लेकर सरकार मांग
एक बड़े से बैनर पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ लिखा था कि “मौसम का मजा लीजिए”. यह टिप्पणी प्रधानमंत्री द्वारा शीतकालीन सत्र के पहले दिन मीडिया से बातचीत के दौरान कही गई थी, जिस पर विपक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली की खतरनाक हवा में “मजा” कैसा. सांसदों ने जोरदार तरीके से नारे लगाए लगाते हुए कहा, “प्रदूषण पर चर्चा करो” और सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की गई.
वायु प्रदूषण पर चर्चा की मांग
प्रदर्शन में मौजूद सोनिया गांधी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बढ़ते प्रदूषण से बच्चे, बुजुर्ग और दमा के मरीज बेहद परेशान हैं. उन्होंने कहा,“सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कुछ करे. छोटे बच्चे सांस नहीं ले पा रहे हैं, बुजुर्गों के लिए स्थिति और कठिन है.” सोनिया गांधी ने सत्र में वायु प्रदूषण पर विस्तृत चर्चा की मांग फिर दोहराई.
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी प्रदूषण की गंभीरता पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, “किस मौसम का मजा लें? बाहर का हाल देखें, स्थिति हर साल बदतर हो रही है. लेकिन फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता.” प्रियंका ने केंद्र सरकार से दीर्घकालिक और प्रभावी समाधान लागू करने की अपील की.
पीएम मोदी से मांगा जा रहा जवाब
विपक्षी सांसदों ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में हवा लगातार जहरीली हो रही है और इसे लेकर समन्वित प्रयास जरूरी हैं. रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, “हम जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. प्रधानमंत्री स्वयं इस मुद्दे पर जवाब दें.”
उन्होंने सुझाव दिया कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों की एक संयुक्त समिति बने. दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए एक विस्तृत योजना और अलग बजट तैयार किया जाए.


