P Chidambaram Statement: इंदिरा गांधी को अपनी जान देकर... ऑपरेशन ब्लू स्टार पर पी. चिदंबरम का बड़ा बयान
P Chidambaram Statement: हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को ऐतिहासिक भूल बताया. उन्होंने कहा कि स्वर्ण मंदिर में इस ऑपरेशन का फैसला गलत था, जिसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी जान गंवानी पड़ी.

P Chidambaram Statement: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर एक अहम बयान दिया है जिसमें उन्होंने इसे इतिहास की सबसे बड़ी गलतियों में से एक बताया है. उनका कहना है कि यह निर्णय न केवल देश के लिए बल्कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए भी भारी पड़ गया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की कीमत इंदिरा गांधी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. यह बयान उन्होंने हिमाचल प्रदेश के कसौली में आयोजित खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव में दिया जहां वे पत्रकार हरिंदर बावेजा की किताब ‘दे विल शूट यू, मैडम’ पर चर्चा कर रहे थे.
चिदंबरम ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को गलत कदम बताते हुए कहा कि उस समय सेना, पुलिस, खुफिया एजेंसियां और सिविल सेवा मिलकर इस फैसले में शामिल थीं इसलिए इसे केवल इंदिरा गांधी के एकतरफा निर्णय के रूप में देखना गलत होगा. साथ ही उन्होंने पंजाब की असली समस्या आर्थिक स्थिति को बताया और कहा कि खालिस्तान और अलगाववादी राजनीति अब काफी हद तक शांत हो चुकी है.
सेना और अन्य संस्थाओं की भी थी भूमिका
चिदंबरम ने यह भी कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार सिर्फ इंदिरा गांधी का फैसला नहीं था बल्कि इसमें सेना, पुलिस, खुफिया विभाग और सिविल सेवा का सम्मिलित योगदान था. उन्होंने कहा कि मेरी बातों में किसी भी सैन्य अधिकारी का अनादर नहीं है लेकिन यह तरीका गलत था. बाद में हमने सेना को बाहर रखकर स्वर्ण मंदिर को सही तरीके से हासिल किया.
पंजाब की असली समस्या है आर्थिक स्थिति
किताब पर चर्चा करते हुए चिदंबरम ने पंजाब की मौजूदा समस्याओं पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आज पंजाब की असली समस्या उसकी आर्थिक स्थिति है. मेरी यात्राओं से यह स्पष्ट हुआ कि खालिस्तान और अलगाववाद का नारा अब लगभग शांत हो चुका है. पंजाब में ज्यादातर अवैध प्रवासी हैं.
ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद का दर्दनाक अध्याय
1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद पंजाब में चरमपंथ बढ़ गया. इसी के बाद 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी. वह अपने आवास 1 सफदरजंग रोड से 1 अकबर रोड स्थित कार्यालय जाने के लिए निकली थीं जहां उनके दो सुरक्षा गार्ड, एसआई बेअंत सिंह और कॉन्स्टेबल सतवंत सिंह ने उन पर गोलियां बरसा दीं. बेअंत सिंह ने 5 गोली मारी, जबकि सतवंत ने स्टेनगन से 25 गोलियां चलाईं.


