पाकिस्तानी महिलाओं का भारत में खुला खेल, आधार और वोटर कार्ड से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
बिहार मतदाता सूची की जांच ने बड़ा खुलासा किया है. पता चला है कि पाकिस्तान से आई कुछ महिलाएं आधार और वोटर कार्ड बनवाकर दशकों से यहां रह रही हैं, वोट डाल रही हैं और सरकारी नौकरी तक हासिल कर चुकी हैं.

Pakistani women in India: बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान से आई कुछ महिलाएं आधार और अन्य दस्तावेजों का सहारा लेकर भारतीय पहचान बना बैठी हैं. इनमें से कई तो दशकों से न केवल यहां रह रही हैं बल्कि वोट भी डाल रही हैं.
भागलपुर, बरेली और हुगली जैसे जिलों से मिले मामलों ने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. यह खुलासा बताता है कि घुसपैठिए कैसे आधार कार्ड और वोटर आईडी के जरिये सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर भारत की नागरिकता का ढोंग रच रहे हैं.
भागलपुर में दो पाकिस्तानी महिलाओं का खुलासा
भागलपुर में जांच के दौरान यह सामने आया कि दो पाकिस्तानी महिलाएं पिछले पांच दशकों से यहां रह रही हैं. उन्होंने न सिर्फ मतदाता सूची में नाम जुड़वा लिया बल्कि हर चुनाव में वोट भी डाला. इनमें से एक महिला इमराना खानम सरकारी स्कूल में शिक्षिका बन गई. बाद में उसने नाम बदलकर इमराना खातून रख लिया.
पुलिस के अनुसार, इमराना 1958 में वीजा लेकर भारत आई थी और भागलपुर निवासी मुहम्मद इबनुल हसन से निकाह किया. इसके बाद दस्तावेजी हेराफेरी कर आधार कार्ड बनवा लिया. भेद खुलने के बाद से वह लापता है. प्रशासन अब मतदाता सूची से उसका और दूसरी पाकिस्तानी महिला फिरदौसिया खानम का नाम हटाने की प्रक्रिया में जुटा है.
बंगाल में फातिमा बीबी की गिरफ्तारी
बंगाल के हुगली जिले में पुलिस ने 3 मई को पाकिस्तानी महिला फातिमा बीबी को गिरफ्तार किया. फातिमा 1980 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी और 1982 में चंदननगर के बेकरी मालिक मुजफ्फर से शादी कर ली. उनके दो बेटियां भी हैं. मुजफ्फर ने दावा किया कि फातिमा के पास आधार, पैन और वोटर आईडी समेत सभी दस्तावेज मौजूद हैं. फिलहाल फातिमा जेल में बंद है.
बरेली में शुमायला खान बनी शिक्षिका
एक और मामला उत्तर प्रदेश के बरेली से सामने आया. पाकिस्तान में जन्मी शुमायला खान ने अपनी मां माहिरा के मायके रामपुर का पता दिखाकर निवास प्रमाण पत्र बनवा लिया. इसी आधार पर 2015 में उसे सरकारी स्कूल में अध्यापक की नौकरी भी मिल गई. लेकिन बाद में जांच में पकड़े जाने पर उसकी नियुक्ति निरस्त कर मुकदमा दर्ज किया गया. माहिरा और उनकी बेटी शुमायला दोनों को शिक्षिका की नौकरी मिली थी. पहले माहिरा और बाद में शुमायला के खिलाफ कार्रवाई हुई. फिलहाल शुमायला कहां है, इसका पता नहीं चल सका.
घुसपैठियों को भारतीय दस्तावेज उपलब्ध कराने वाला गिरोह
हाल ही में उत्तर प्रदेश एटीएस ने बड़ा खुलासा किया. एजेंसी ने नौ राज्यों में फैले ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जाली पासपोर्ट, आधार और वोटर कार्ड तैयार करता था. इस मामले में 10 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है.


