झुग्गी-झोपड़ियों में नहीं मिल रहा साफ पानी, आप पूरे देश में साइकिल ट्रैक के सपने देख रहे: SC
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सलाह दी कि उन्हें अपनी प्राथमिकताएं ठीक से तय करनी चाहिए. पीठ ने कहा कि पहले उन समस्याओं पर ध्यान दिया जाए जो लोगों के लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं. न्यायमूर्ति ओका ने याचिकाकर्ता से कहा, "झुग्गी-झोपड़ियों में जाइए और देखिए कि लोग किस हालत में रहते हैं.

Supreme Court Judgement: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि देश में कई राज्यों के पास किफायती आवास और पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए संसाधन नहीं हैं, ऐसे में साइकिल ट्रैक बनाने के सपने देखना उचित नहीं है. यह टिप्पणी न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें देशभर में अलग-अलग साइकिल ट्रैक बनाने की मांग की गई थी.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सलाह दी कि उन्हें अपनी प्राथमिकताएं ठीक से तय करनी चाहिए. पीठ ने कहा कि पहले उन समस्याओं पर ध्यान दिया जाए जो लोगों के लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं. न्यायमूर्ति ओका ने याचिकाकर्ता से कहा, "झुग्गी-झोपड़ियों में जाइए और देखिए कि लोग किस हालत में रहते हैं. राज्यों के पास किफायती आवास देने के लिए पैसा नहीं है और हम साइकिल ट्रैक की कल्पना कर रहे हैं. लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं और आप साइकिल ट्रैक के बारे में सोच रहे हैं."
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज
कोर्ट ने यह भी कहा, "हमारी प्राथमिकताएं गलत हो रही हैं. संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत लोगों के बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. लोगों के पास पीने का साफ पानी नहीं है, सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं, और आप साइकिल ट्रैक की मांग कर रहे हैं."
दविंदर सिंह ने दायर की थी याचिका
यह याचिका दविंदर सिंह नागी ने दायर की थी, जिसमें उन्होंने देशभर में साइकिल ट्रैक बनाने की अपील की थी. उनके वकील ने यह तर्क रखा कि कई राज्यों में साइकिल ट्रैक पहले से ही मौजूद हैं और यहां तक कि उच्चतम न्यायालय के गेट के बाहर भी साइकिल ट्रैक है. याचिकाकर्ता के वकील ने अटल मिशन योजना का भी उल्लेख किया, जो शहरी विकास और बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए लागू की गई थी.
कोर्ट ने इस मामले में साइकिल ट्रैक के निर्माण को प्राथमिकता देने से पहले देश में नागरिकों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया.


