score Card

'बिहार की बेटी' को PM मोदी का सलाम, त्रिनिडाड की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद का का बक्सर से पुराना नाता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिडाड एंड टोबैगो में भारतीय मूल की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर को 'बिहार की बेटी' कहकर संबोधित किया. उन्होंने बताया कि कमला पर्साद के पूर्वज बिहार के बक्सर जिले से थे और उन्होंने खुद भी वहां का दौरा किया है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

PM Modi Trinidad visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिडाड एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर को 'बिहार की बेटी' कहकर संबोधित किया. पीएम मोदी ने उनके भारतीय मूल पर गर्व जताया. शुक्रवार को भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कमला पर्साद के पूर्वज बिहार के बक्सर जिले से ताल्लुक रखते थे और वह स्वयं भी इस पवित्र भूमि का दौरा कर चुकी हैं.

पीएम मोदी ने अपने उद्बोधन में भारत और त्रिनिडाड के ऐतिहासिक रिश्तों को याद किया और बताया कि यह रिश्ता केवल खून और सरनेम से नहीं, बल्कि जुड़ाव की भावना से बंधा है. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा प्रवासी भारतीयों को अपनाता है और उनके योगदान को सम्मान देता है.

कमला पर्साद-बिसेसर का भारत कनेक्शन

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हम न केवल खून या उपनाम से जुड़े हैं, बल्कि अपनत्व से जुड़े हैं. भारत आपकी ओर देखता है और आपका स्वागत करता है. कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर से थे. उन्होंने उस स्थान का दौरा भी किया है. लोग उन्हें बिहार की बेटी मानते हैं."

उन्होंने आगे कहा, "बिहार की विरासत भारत और दुनिया का गौरव है. बिहार ने सदियों से विभिन्न क्षेत्रों में दुनिया को रास्ता दिखाया है. 21वीं सदी में भी बिहार से नए अवसर सामने आएंगे."

ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा राजनीतिक सफर

कमला पर्साद-बिसेसर का राजनीतिक जीवन कई ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा हुआ है. उन्होंने 1987 में राजनीति में कदम रखा और कैरेबियाई देश की पहली महिला प्रधानमंत्री, अटॉर्नी जनरल और विपक्ष की नेता बनीं. इसके साथ ही वह राष्ट्रमंडल (Commonwealth of Nations) की पहली महिला अध्यक्ष और भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर प्रधानमंत्री बनने वाली पहली महिला भी हैं.

सांस्कृतिक संबंधों पर दिया विशेष जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 25 साल पुराने त्रिनिडाड दौरे को याद करते हुए कहा कि इन वर्षों में भारत और इस देश के रिश्ते और मजबूत हुए हैं. उन्होंने बताया कि त्रिनिडाड की सड़कों पर बनारस, पटना, कोलकाता और दिल्ली जैसे नाम मिलते हैं जो दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों की गहराई को दर्शाते हैं.

उन्होंने कहा, "नवरात्रि, महाशिवरात्रि और जन्माष्टमी यहां बड़े हर्षोल्लास और गर्व के साथ मनाई जाती हैं. चौताल और बैठक गाना जैसे लोकसंगीत आज भी यहां जीवंत हैं. यहां की भीड़ में मुझे कई अपने से चेहरे दिख रहे हैं."

भारतवंशी समुदाय की अहम भूमिका

त्रिनिडाड एंड टोबैगो की कुल जनसंख्या में लगभग 40% लोग भारतीय मूल के हैं. भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, देश में लगभग 5,56,800 लोग भारतीय मूल के हैं, जिनमें से 1,800 एनआरआई (Non-Resident Indians) हैं और शेष वे नागरिक हैं जिनके पूर्वज 1845 से 1917 के बीच गिरमिटिया मजदूर के रूप में भारत से आए थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भले ही त्रिनिडाड आकार में जोधपुर से भी छोटा देश है, लेकिन यहां का भारतीय समुदाय देश की संस्कृति और अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाता है. यहां की संस्कृति, भोजन, संगीत, भाषा और धार्मिक पर्वों में आज भी भारतीयता की झलक स्पष्ट दिखाई देती है.

OCI कार्ड की छठी पीढ़ी को भी मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब त्रिनिडाड एंड टोबैगो में रहने वाले प्रवासी भारतीयों की छठी पीढ़ी को भी OCI (Overseas Citizen of India) कार्ड का लाभ मिलेगा. यह कदम भारतीय मूल के लोगों के साथ भारत के रिश्ते को और गहरा करेगा.

प्रधानमंत्री मोदी को मिला भव्य स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुरुवार को त्रिनिडाड पहुंचने पर भव्य स्वागत मिला. प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर ने स्वयं 38 मंत्रियों और चार सांसदों के साथ एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया. उन्हें पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया.

calender
04 July 2025, 09:02 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag