PM मोदी ने ISS पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से की बात, वीडियो कॉल पर दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की. शुक्ला, जो भारतीय वायुसेना के अधिकारी हैं, ISS पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बने हैं. प्रधानमंत्री ने इस विशेष बातचीत के दौरान न केवल ग्रुप कैप्टन शुक्ला के साहस और समर्पण की सराहना की.

PM Modi Shubhanshu Shukla: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 28 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. यह अवसर भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ, क्योंकि ग्रुप कैप्टन शुक्ला ISS पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बन गए हैं.
प्रधानमंत्री ने इस विशेष बातचीत के दौरान न केवल ग्रुप कैप्टन शुक्ला के साहस और समर्पण की सराहना की, बल्कि यह भी रेखांकित किया कि भारत अब वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन चुका है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस ऐतिहासिक संवाद की जानकारी देते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की."
PM @narendramodi interacted with Group Captain Shubhanshu Shukla, who is aboard the International Space Station. pic.twitter.com/Q37HqvUwCd
— PMO India (@PMOIndia) June 28, 2025
अंतरिक्ष में भारत की मजबूत उपस्थिति
प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉल के माध्यम से संवाद करते हुए कहा कि यह क्षण न केवल भारत के लिए गौरवपूर्ण है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायक है. उन्होंने कहा कि शुक्ला का योगदान भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं और महत्वाकांक्षाओं को नई ऊंचाई दे रहा है.
यह बातचीत यह भी दर्शाती है कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति कर रहा है और भविष्य के वैज्ञानिकों व अंतरिक्ष यात्रियों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है.
तिरंगा बना गर्व का प्रतीक
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने साथ एक छोटा तिरंगा ISS पर ले जाकर वहां 140 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "यह तिरंगा केवल मेरा नहीं, पूरे भारत का प्रतीक है." यह दृश्य भारतवासियों के लिए एक अत्यंत भावुक और गर्व का क्षण रहा.
राकेश शर्मा के बाद सबसे बड़ा मानवीय अंतरिक्ष मिशन
शुक्ला का मिशन भारत की ओर से राकेश शर्मा की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा के 41 वर्षों बाद सबसे बड़ी मानवीय अंतरिक्ष उपलब्धि है. हालांकि राकेश शर्मा ने एक सोवियत यान में यात्रा की थी, लेकिन ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने पहली बार ISS पर 14 दिन की सक्रिय सेवा के लिए कदम रखा है.
विज्ञान के क्षेत्र में 30 प्रयोग
ग्रुप कैप्टन शुक्ला को इस मिशन के दौरान सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) में 30 वैज्ञानिक प्रयोग करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है. इन प्रयोगों में बायोलॉजी, मटीरियल साइंस, फ्लूड मैकेनिक्स और स्पेस मेडिसिन जैसे अहम क्षेत्र शामिल हैं.
इन प्रयोगों के जरिए अंतरिक्ष में दीर्घकालिक मानवीय जीवन को समझने में मदद मिलेगी और इससे वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में भारत की विश्वसनीयता और क्षमता को नई पहचान मिलेगी.
भारत के लिए प्रेरणादायक क्षण
इस बातचीत ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अब केवल अंतरिक्ष अभियानों का दर्शक नहीं, बल्कि एक सक्रिय और अग्रणी भागीदार बन चुका है. प्रधानमंत्री मोदी की इस बातचीत ने देश के युवाओं और वैज्ञानिकों को एक नया उत्साह और आत्मविश्वास प्रदान किया है.


