78 साल बाद बदलने वाला है PMO का पता, जानें क्या होगा प्रधानमंत्री ऑफिस का नया Address
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) अगले महीने साउथ ब्लॉक से एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में शिफ्ट होगा, जहां कैबिनेट सचिवालय और NSCS भी होंगे. नया परिसर आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और प्रधानमंत्री आवास के करीब रहेगा. नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को ‘युगे युगीन भारत संग्रहालय’ में बदलकर भारत की सांस्कृतिक धरोहर और गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित किया जाएगा.

Central Vista: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), जो फिलहाल साउथ ब्लॉक में स्थित है. अगले महीने अपने नए स्थान एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में शिफ्ट होने जा रहा है. सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत निर्मित इस अत्याधुनिक भवन में प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ कैबिनेट सचिवालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और आधुनिक कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. खास बात यह है कि यह नया परिसर प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास के भी अधिक करीब है.
नए निर्माण की जरूरत क्यों पड़ी?
सरकारी सूत्रों का कहना है कि मौजूदा भवनों में जगह की कमी और आधुनिक सुविधाओं का अभाव लंबे समय से महसूस किया जा रहा था. साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक, जहां से दशकों से सरकार संचालित होती रही है, अब पुराने जमाने की जरूरतों के अनुरूप बने थे. प्रधानमंत्री ने हाल ही में गृह मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय के नए दफ्तर ‘कर्तव्य भवन-3’ के उद्घाटन के दौरान भी कहा था कि हमारी प्रशासनिक मशीनरी अभी तक ब्रिटिश कालीन इमारतों पर निर्भर रही है. इन इमारतों में पर्याप्त जगह, रोशनी और वेंटिलेशन की कमी रही है, जो आधुनिक कार्यशैली और तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं थी.
नए पीएमओ का स्वरूप
सूत्रों की मानें तो नए प्रधानमंत्री कार्यालय को एक नया नाम भी दिया जा सकता है. यह नाम ‘सेवा’ की भावना को प्रतिबिंबित करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही कह चुके हैं कि पीएमओ जनता का होना चाहिए, यह मोदी का पीएमओ नहीं है. इस बयान से स्पष्ट है कि नया कार्यालय केवल प्रशासनिक शक्ति का केंद्र नहीं होगा, बल्कि इसे सेवा और पारदर्शिता का प्रतीक बनाने की कोशिश होगी.
नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक का नया रूप
लगभग आठ दशकों तक केंद्र सरकार की नीतियों और फैसलों का केंद्र रहे नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक अब अपनी ऐतिहासिक भूमिका से आगे बढ़कर संग्रहालय का रूप लेने वाले हैं. सरकार ने इन्हें ‘युगे युगीन भारत संग्रहालय’ में बदलने का निर्णय लिया है. इस संग्रहालय की परिकल्पना के तहत राष्ट्रीय संग्रहालय और फ्रांस म्यूजियम्स डेवलपमेंट के बीच एक समझौता हुआ है.
सांस्कृतिक विरासत का केंद्र बनेगा नया संग्रहालय
सरकार का दावा है कि प्रस्तावित संग्रहालय भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करेगा. इसमें न केवल प्राचीन काल की उपलब्धियां बल्कि आधुनिक भारत की प्रगति और भविष्य की संभावनाएं भी दिखाई जाएंगी. यह हमारे गौरवशाली अतीत, वर्तमान और उज्ज्वल भविष्य का संगम होगा. इस संग्रहालय के जरिये नागरिक और विदेशी पर्यटक दोनों भारत की गहन ऐतिहासिक यात्रा का अनुभव कर सकेंगे.


