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पंजाब के गांवों में नशा रोकने की नई जंग, मान सरकार ने बनाई डिफेंस कमेटियां

पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ जंग को नया मोड़ देते हुए गांव-गांव डिफेंस कमेटियां बनाने का फैसला किया है। लुधियाना से शुरू हो रही इस मुहिम का मकसद नशे को पूरी तरह जड़ से खत्म करना है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

पंजाब न्यूज. पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने के लिए गांव-गांव डिफेंस कमेटियां बनाने का एलान किया है। इस योजना का पहला चरण लुधियाना से शुरू होगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद इस अभियान का आगाज़ करेंगे। सरकार का दावा है कि ये योजना गांवों में नशे का जाल तोड़ने में मदद करेगी। लोग भी अब इस जंग में सीधे शामिल होंगे और निगरानी करेंगे।

वार्ड स्तर पर निगरानी बढ़ेगी

सिर्फ गांव ही नहीं बल्कि शहरों के वार्ड स्तर पर भी ये डिफेंस कमेटियां बनाई जाएंगी। हर वार्ड में स्थानीय लोग नशे के खिलाफ निगरानी रखेंगे। इसका फायदा यह होगा कि छोटी-छोटी जगहों तक नशे का फैलाव रोका जा सकेगा। अब नशा रोकने की जिम्मेदारी सिर्फ पुलिस की नहीं, लोगों की भी होगी। इससे नशे के खिलाफ अभियान और तेज़ हो जाएगा।

कौन होंगे कमेटी में शामिल

इन डिफेंस कमेटियों में शामिल होने के लिए सरकार ने साफ़ नियम बनाए हैं। इनमें सेवानिवृत्त फौजी, स्थानीय अध्यापक और नंबरदारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन लोगों को इलाके की स्थिति का अच्छा ज्ञान होता है। उनकी इज़्ज़त भी ज़्यादा होती है, जिससे लोग उनकी बात मानेंगे। इससे नशे के खिलाफ सामाजिक दबाव भी बनेगा।

10 से 20 लोगों की टीम

हर गांव या वार्ड में बनने वाली डिफेंस कमेटी में कम से कम 10 और ज़्यादा से ज़्यादा 20 लोग होंगे। इस संख्या को इलाके की आबादी के हिसाब से तय किया जाएगा। टीम छोटी होगी तो कामकाज आसान होगा और बड़ी होगी तो नशे पर पकड़ मज़बूत होगी। सरकार चाहती है कि हर गांव में ये टीम पूरी जिम्मेदारी से काम करे।

नशा खत्म करने का मकसद

इस योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य नशे को पूरी तरह खत्म करना है। पंजाब के कई गांव नशे की समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं। सरकार मानती है कि बिना जनता की मदद के यह जंग अधूरी है। जब गांव का हर व्यक्ति नशा रोकने में हाथ बंटाएगा, तभी असली बदलाव आएगा। मान सरकार ने इसे "युद्ध नशे के विरुद्ध" नाम दिया है।

लोगों को मिलेगा प्रशिक्षण

डिफेंस कमेटियों के सदस्यों को खास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्हें सिखाया जाएगा कि नशे के मामलों की पहचान कैसे करें और पुलिस को सही जानकारी कैसे दें। यह प्रशिक्षण कम समय में पूरा किया जाएगा ताकि तुरंत असर दिखे। इस प्रक्रिया से कमेटी के सदस्य अधिक सक्रिय और जिम्मेदार बनेंगे।

लुधियाना से बड़ी शुरुआत

मुख्यमंत्री भगवंत मान इस योजना की शुरुआत लुधियाना से कर रहे हैं। लुधियाना को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां नशे के मामलों की संख्या ज्यादा रही है। यहां सफलता मिलने के बाद इसे पूरे पंजाब में लागू किया जाएगा। सरकार उम्मीद कर रही है कि इस कदम से पंजाब का भविष्य नशामुक्त बनेगा और युवा सही रास्ते पर लौटेंगे।

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04 August 2025, 12:15 PM IST

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