पंजाब सरकार शहीदी दिवस पर एक महीने तक पंजाब के अलग-अलग क्षेत्र में कई सारे कार्यक्रम कर रही है- केजरीवाल
पंजाब की AAP सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में भव्य दरबार का आयोजित किया. जिसमे अरविंद केजरीवाल, पंजाब के CM भगवंत मान सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए.

पंजाब न्यूज: पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने शनिवार को श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली के गुरुद्वारा श्री रकाबगंज साहिब में भव्य कीर्तन दरबार का आयोजन किया. इस आयोजन में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, और पंजाब सरकार के अन्य मंत्रीगण तथा गणमान्य लोग उपस्थित थे. इस पावन अवसर पर अरविंद केजरीवाल ने गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में मत्था टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की.
अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर पर लिखा, श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी के अवसर पर गुरुद्वारा श्री रकाबगंज साहिब में आयोजित पावन कीर्तन दरबार में सम्मिलित होकर गुरु साहिब जी के चरणों में मत्था टेक आशीर्वाद प्राप्त किया. उनका बलिदान सदियों तक हमें सत्य, धर्म और मानवता की रक्षा के लिए प्रेरित करता रहेगा.
शहीदी दिवस की महत्ता पर केजरीवाल का बयान
इस पवित्र अवसर पर अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मुझे लगता है कि पूरी मानवता के इतिहास में श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की कोई मिसाल नहीं है. उन्होंने जो बलिदान दिया, वह हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन को दूसरों के लिए न्योछावर कर देना चाहिए.' उन्होंने यह भी कहा कि गुरु जी को 'हिंद दी चादर' कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.
केजरीवाल ने यह भी जानकारी दी कि पंजाब सरकार श्री गुरु तेग बहादुर जी के सम्मान में पूरे राज्य में एक महीने तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगी. शनिवार को दिल्ली से इस श्रृंखला की शुरुआत की गई. उन्होंने दिल्ली के नागरिकों और देश-विदेश में रहने वाले सभी लोगों से अपील की कि वे पंजाब में होने वाले सभी कार्यक्रमों में अधिक से अधिक भाग लें.
भगवंत मान का संदेश
इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आज ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री रकाबगंज साहिब में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व का मुख्य समागम शुरू हो गया है. 25 अक्टूबर से 25 नवंबर तक पंजाब सरकार उन सभी स्थानों पर जाएगी, जहां गुरु साहब के चरण पड़े थे.
भगवंत मान ने बताया कि इस दौरान पंजाब सरकार द्वारा उन स्थानों पर समागम आयोजित किए जाएंगे और वहां के कीर्तन जत्थे इलाही कीर्तन करेंगे. इसके अलावा, स्कूलों में गुरु साहिब की शहादत के बारे में पढ़ाया जाएगा और यह सिलेबस में भी शामिल किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि जिन गांवों में गुरु साहिब के चरण पड़े थे, वहां के विकास के लिए बजट जारी किया जा चुका है.
गुरु तेग बहादुर जी की शहादत का महत्व
भगवंत मान ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत न केवल सिखों के लिए, बल्कि पूरी मानवता और मानव अधिकारों के लिए थी. यह एक अद्वितीय मिसाल है, जिसे दुनिया में कहीं नहीं देखा गया. उन्होंने यह भी कहा कि गुरु तेग बहादुर जी को लखी शाह बंजारा ने दिल्ली में शरण दी थी, और उनके साथ भाई जैता जी ने गुरु साहब का शीश लेकर आनंदपुर साहब पहुंचाया.
मुख्यमंत्री मान ने बताया कि 25 नवंबर को आनंदपुर साहब में भव्य समागम आयोजित किया जाएगा. वहां कीर्तन होगा और बाबा बलवीर सिंह जैसे महान संत भी उपस्थित होंगे. इसके अलावा, आनंदपुर साहब में एक भव्य संग्रहालय तैयार किया गया है, जिसमें गुरु साहब का शीश लेकर भाई जैता जी द्वारा की गई यात्रा को दर्शाया जाएगा.
पंजाब सरकार के योजनाएं और कार्यक्रम
पंजाब सरकार ने गुरु साहब के स्थानों पर बुनियादी ढांचे और सड़कें बनाने के लिए बजट आवंटित किया है. इसके अलावा, 350वें शहीदी दिवस के लिए विशेष बजट रखा गया है और आनंदपुर साहब में एक टेंट सिटी बनाई जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति जी से मिलने का समय लिया गया है और देश के सभी मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया है.
आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक का बयान
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरव भारद्वाज ने कहा, पंजाब सरकार द्वारा गुरु श्री तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी दिवस के अवसर पर दिल्ली और पंजाब में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. यह समागम गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के सम्मान में हो रहा है, जिन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपनी और अपने बच्चों की शहादत दी.
आम आदमी पार्टी सरकार गुरु तेग बहादुर जी के संदेश को आगे बढ़ाएगी, जो भाईचारे, प्यार और मोहब्बत का संदेश है. श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर आयोजित किए गए भव्य कीर्तन दरबार और अन्य कार्यक्रमों ने यह साबित कर दिया कि उनकी शहादत न केवल सिख समुदाय के लिए, बल्कि समग्र मानवता के लिए एक प्रेरणा है. पंजाब और दिल्ली में आयोजित किए गए कार्यक्रमों से उनके बलिदान को सम्मानित किया गया, और इस अवसर पर सिख धर्म और मानवता के सिद्धांतों को फिर से जीवित किया गया.


