राफेल, ट्रंप और POK पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने, जानिए लोकसभा में किसने क्या कहा?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सोमवार को लोकसभा में सत्ता और विपक्ष के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला. आतंकवाद के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई पर जहां सरकार ने इसे ‘सटीक और सफल’ बताया, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने राफेल, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कथित भूमिका पर कई तीखे सवाल खड़े किए.

आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर लोकसभा में सोमवार को जोरदार बहस हुई. केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच इस बहस के दौरान तीखी नोकझोंक देखने को मिली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जहां ऑपरेशन की सफलता का दावा किया, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार से सीधे सवाल पूछे.
अब यह बहस आज यानी मंगलवार को राज्यसभा में होगी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी अपना पक्ष रखेंगे. लोकसभा में हुई इस विशेष बहस के दौरान राफेल विमान की स्थिति, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका जैसे अहम मुद्दों पर कई नेताओं के बयान सामने आए. आइए जानते हैं किसने क्या कहा…
'कोई महत्वपूर्ण सैन्य संपत्ति नष्ट नहीं हुई'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि किस तरह भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दिया। उन्होंने कहा कि कोई महत्वपूर्ण संपत्ति नष्ट नहीं हुई. साथ ही उन्होंने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अगर सवाल पूछना ही है, तो यह पूछिए कि क्या भारत ने आतंकियों के अड्डे तबाह किए और इसका जवाब है हां. ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा या नहीं इसका जवाब भी हां है.उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने पाकिस्तान के अनुरोध पर हमले रोके थे। इस पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बीच में टोकते हुए पूछा, तो हमने रोका क्यों?. इस पर राजनाथ सिंह ने जवाब दिया कि उन्होंने इसका उत्तर पहले ही दे दिया है. इसका सीधा संकेत था कि भारत का मकसद केवल इरादे साफ करना था, युद्ध को बढ़ावा देना नहीं.
गौरव गोगोई ने राफेल को लेकर किए सवाल
कांग्रेस के लोकसभा उपनेता गौरव गोगोई ने रक्षा मंत्री के बयान के बाद सरकार से सीधा सवाल पूछा कि देश में सच सुनने की हिम्मत है. घबराइए मत, बताइए. उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि हमारे कितने फाइटर जेट गिराए गए. यह हमें जनता को ही नहीं, बल्कि हमारे जवानों को भी बताना है जिन्हें झूठ बताया जा रहा है.
उन्होंने राफेल की संख्या पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत के पास केवल 35 राफेल हैं; आपने सोचा इतने काफी हैं। अगर इनमें से कुछ गिराए गए हैं, तो यह बहुत बड़ी क्षति है. गोगोई ने यह भी कहा कि भारत को हमले रोकने नहीं चाहिए थे, बल्कि काम पूरा करना चाहिए था और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर वापस लाना चाहिए था.
एस जयशंकर बोले- ‘अब है नई सामान्य स्थिति’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद की चुनौती अब भी जारी है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर एक नया चरण है; अब एक नई सामान्य स्थिति है.”उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई किसी भी बातचीत में व्यापार का कोई उल्लेख नहीं हुआ. ट्रंप के इस दावे पर कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा था कि अगर युद्ध नहीं रोका तो अमेरिका व्यापार नहीं करेगा. जयशंकर ने जवाब दिया कि अमेरिका से किसी भी बातचीत में व्यापार को लेकर कोई संबंध नहीं था.
विपक्ष के हंगामे पर अमित शाह का पलटवार
जब विपक्षी सांसदों ने जयशंकर की बातों के दौरान हंगामा किया, तो गृह मंत्री अमित शाह ने तीखा जवाब दिया कि इनको भारत के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है, लेकिन किसी और देश पर है. शाह ने कहा कि यही वजह है कि कांग्रेस विपक्ष में बैठी है, और अगले 20 साल तक वहीं बैठी रहेगी.
बार-बार कटाक्ष, कहीं-कहीं सराहना
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्हें पाकिस्तान का हमदर्द बताया। वहीं, तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि उनका ‘56 इंच का सीना’ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सामने 36 इंच का रह जाता है. हालांकि, विपक्षी दलों की आलोचना के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने प्रधानमंत्री मोदी की एक पहल की सराहना भी की.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कर्तव्य की बात हो तो पहले देश, फिर राज्य, फिर पार्टी और अंत में परिवार आता है. पीएम मोदी ने सभी दलों के नेताओं को आतंकवाद के खिलाफ भारत का संदेश देने के लिए विदेश भेजा यह बड़े दिल की बात है.
अब राज्यसभा की बारी
लोकसभा में जहां यह बहस तीखी रही, वहीं अब सबकी निगाहें राज्यसभा पर हैं। मंगलवार को ऊपरी सदन में भी यह मुद्दा उठेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन देखने को मिलेगा.


