इसी महीने मिलेगी ट्रंप के टैरिफ से राहत! जल्द हो सकती है भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील
अमेरिका द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाए जाने के बावजूद भारत संतुलित ट्रेड डील की दिशा में बढ़ रहा है. एनर्जी सेक्टर में समझौते की संभावना है, वहीं भारत अपनी तेल आपूर्ति में विविधता बनाए रखेगा. अगस्त में अंतिम वार्ता संभव है. भारत की रणनीति चीन को लाभ से रोकते हुए वैश्विक व्यापार संतुलन बनाए रखने की है.

अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की गई, जिससे वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई. इसके बावजूद भारत ने इस मुद्दे पर बेहद संयमित और रणनीतिक प्रतिक्रिया दी है. भारत ने स्पष्ट किया है कि वह जल्दबाज़ी में कोई प्रतिकूल कदम नहीं उठाएगा, बल्कि अमेरिका के साथ संतुलित व्यापार समझौते (ट्रेड डील) को अंतिम रूप देने की कोशिश करेगा. भारत चाहता है कि चीन को व्यापारिक लाभ न मिले और वैश्विक व्यापार संतुलित बना रहे.
एनर्जी सेक्टर बन सकता है डील का केंद्र
जानकारों के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा (एनर्जी) क्षेत्र को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हो सकता है. मार्च 2025 में दोनों देशों ने ट्रेड डील से संबंधित टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) तय कर लिए थे. वहीं, 22 अप्रैल को भारत दौरे पर आए अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी इस संभावित समझौते की पुष्टि की थी. दोनों पक्षों के बीच तेल खरीद को लेकर समझौते की संभावनाएं हैं, हालांकि इसमें किसी अन्य देश से तेल आयात का जिक्र नहीं किया जाएगा.
अगस्त में संभावित अंतिम चरण की वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच इस डील को लेकर अब तक कई दौर की वर्चुअल और प्रत्यक्ष बैठकें हो चुकी हैं. जानकार सूत्रों के अनुसार, इस महीने के अंत तक अंतिम और छठे दौर की वार्ता की जाएगी, जिसमें अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 24 अगस्त को भारत आ सकता है. इस बैठक में दोनों पक्ष आमने-सामने बैठकर बचे हुए मुद्दों पर चर्चा करेंगे और अंतिम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे.
ट्रंप की टैरिफ घोषणा
30 जुलाई को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 68 देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया. उन्होंने खास तौर पर भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की बात कही. सोशल मीडिया पर जारी बयानों में ट्रंप ने भारत और रूस के संबंधों पर असंतोष जताया और कहा कि भारत को रूस के साथ व्यापार खत्म कर देना चाहिए. लेकिन भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस से एक तिहाई तेल आयात करता है, और उसने इस नीति को बदलने के संकेत नहीं दिए.
ऊर्जा आपूर्ति में विविधता बरकरार रखेगा भारत
यूएस एनर्जी इन्फॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (EIA) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में भारत ने अपने कुल कच्चे तेल का 39 प्रतिशत रूस से, 19 प्रतिशत इराक से, 16 प्रतिशत सऊदी अरब से, 5 प्रतिशत यूएई से और 4 प्रतिशत अमेरिका से आयात किया था. विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका से आयात बढ़ाने पर सहमति बन सकती है, लेकिन भारत किसी एक देश पर निर्भर नहीं रहेगा. भारत की ऊर्जा नीति विविधता पर आधारित है और यह आगे भी जारी रहेगी.


