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जयशंकर की प्रतिक्रिया: अमेरिकी कार्रवाई से मजबूत हुआ भारत-अमेरिका आतंकवाद सहयोग

भारतीय दूतावास ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग की सराहना की है. दूतावास ने इसे भारत-अमेरिका के बीच मजबूत आतंकवाद-रोधी सहयोग का प्रमाण बताया और कहा कि यह कदम आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति को मजबूती देता है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को अमेरिका द्वारा विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित किए जाने का स्वागत किया. यह कदम भारत-अमेरिका के आतंकवाद-रोधी सहयोग की “मजबूत पुष्टि” कर रहा है, जयशंकर ने ट्विटर (पूर्व में एक्स) पर लिखा.

जयशंकर ने कहा, “लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक प्रतिनिधि, टीआरएफ को ‘फॉरेन टेकrorिस्ट ऑर्गनाइजेशन’ और ‘स्पेशली डिजाइनट ग्लोबल टेररिस्ट’ घोषित करने के लिए मार्को रुबियो और अमेरिकी विदेश विभाग की खास तौर पर सराहना करता हूँ. इसने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी. आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता.” जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर (#OpSindoor) के टैग का भी जिक्र किया, जो भारत के सटीक जबाव का प्रतीक है.

पहलगाम हमले का पूरा विवरण

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कई लोग मारे गए थे, जिसमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे. हमलावरों ने पहले धार्मिक पहचान पूछी और फिर गोलियां चलाना शुरू कर दिया. प्रारंभ में टीआरएफ, जिसे “कश्मीर रेजिस्टेंस” भी कहा जाता है, ने हमलों की जिम्मेदारी ली, हालांकि बाद में इसने अपना बयान पलट लिया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टीआरएफ प्रमुख शेख सज्जाद गुल को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया है.

अमेरिका की घोषणा का सार

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि यह कार्रवाई ट्रंप प्रशासन की सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है, जो पहलगाम हमले के लिए न्याय सुनिश्चित करने और आतंकवाद से मुकाबले को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर किया गया सबसे घातक हमला था.

भारत की प्रतिक्रिया और कार्रवाई

भारत सरकार ने इस अमेरिकी फैसले की जमकर सराहना की. वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि यह कदम भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी साझेदारी को एक और मजबूत संकेत देता है. ब्लॉगिंग और कूटनीतिक स्तर पर, भारत ने वाशिंगटन डीसी समेत 33 देशों की राजधानियों में प्रतिनिधिमंडल भेजकर पाकिस्तान द्वारा कथित समर्थन को उजागर किया.

ऑपरेशन सिंदूर और सीमापार संघर्ष

हमले के बाद भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की, जिसके तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तकनीकी हमले से निशाना बनाया गया. भारतीय सुरक्षा बलों ने 100 से अधिक आतंकवादियों को नष्ट कर दिया. फिर पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन और मिसाइल हमले की खबरें आईं. समुचित प्रतिक्रिया के बाद 10 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की.

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18 July 2025, 11:17 AM IST

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