उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर INDIA गठबंधन में मची सनसनी, उद्धव ठाकरे के सांसद पर लगा क्रॉस वोटिंग का आरोप
उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी खेमे को महज 300 वोट मिले जबकि वे 315 वोटों की उम्मीद लगाए बैठे थे. इस नतीजे ने विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक की एकता पर बड़ा सवाल निशान खड़ा कर दिया है. क्या विपक्ष का यह गठजोड़ इतना कमजोर है या फिर अंदरखाने कोई और खेल चल रहा था.

Vice President Election Result: उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों ने विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक की एकजुटता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी को न सिर्फ अपेक्षित समर्थन नहीं मिला बल्कि 15 से अधिक वोट अमान्य भी पाए गए. इस घटनाक्रम के बाद विपक्षी खेमे में बेचैनी और आंतरिक चर्चाएं तेज हो गई हैं. जहां विपक्ष इसे जानबूझकर कराई गई वोट अमान्यता का मामला बता रहा है, वहीं कुछ नेताओं ने क्रॉस वोटिंग की भी आशंका जताई है. यह मामला अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन चुका है.
क्रॉस वोटिंग की आशंका से बढ़ी चिंता
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस घटनाक्रम को बेहद गंभीर बताया और कहा कि अगर क्रॉस वोटिंग हुई है तो INDIA ब्लॉक के प्रत्येक घटक दल द्वारा इसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए. क्रॉस वोटिंग एक बेहद गंभीर मामला है. अगर आप जो कह रहे हैं वह सही है या जो सार्वजनिक रूप से सामने आ रहा है या जिस पर अटकलें लगाई जा रही हैं. उसमें जरा भी सच्चाई है तो इसकी एक व्यवस्थित और गहन जांच होनी चाहिए.
अमान्य वोटों ने विपक्ष को किया परेशान
चुनाव में विपक्ष के बूथ एजेंट और कांग्रेस सांसद सभा मणिकम टैगोर ने कहा कि अमान्य वोटों ने विपक्ष को गहरा आघात पहुंचाया है. हमारे पंद्रह वोट अवैध पाए गए. किसी ने इधर टिक कर दिया, किसी ने किसी दूसरे कॉलम में 'वन' लिख दिया. इस तरह अलग-अलग तरीकों से वोट अमान्य हुए. यही सबसे बड़ी कहानी है जिसे समझना होगा.
शिवसेना सांसद पर शक, NDA में जाने की चर्चा
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना (UBT) के एक सांसद पर संदेह जताया जा रहा है कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा वोट डाला जो अमान्य घोषित हो सके. सूत्रों के मुताबिक वह सांसद पहले से ही NDA में शामिल होने की तैयारी में हैं, जिससे विपक्षी खेमे की बेचैनी और बढ़ गई है.
उम्मीद और मिले हुए वोट
विपक्ष को इस चुनाव में कम से कम 315 वोटों की उम्मीद थी लेकिन उन्हें केवल 300 वोट मिले. यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि या तो कुछ सदस्यों ने वोट नहीं डाला या फिर जानबूझकर अमान्य वोट डाले गए. यह घटनाक्रम कुछ साल पहले हरियाणा के विधायकों द्वारा राज्यसभा चुनाव में अपने ही उम्मीदवार को हराने के लिए अनधिकृत पेन का इस्तेमाल कर अमान्य वोट डालने की घटना की याद दिला दिया है. उस समय भी विपक्षी एकता पर सवाल खड़े हुए थे.


