शशि थरूर का बड़ा बयान, कहा- अंतर-दलीय सहयोग को बेवफाई कहना बन रहा देश के लिए खतरा
थरूर ने सभी राजनीतिक दलों से संकट के समय साथ रहने का आग्रह किया. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'अगर भारत मर गया तो कौन बचेगा?' साथ ही उन्होंने कहा, जब देश संकट में हो, तब सभी दलों को एक साथ खड़ा होना चाहिए.

Shashi Tharoor: कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने राष्ट्र को सबसे उपर रखते हुए सभी राजनीतिक दलों को देशहित में एकजुट हो कर काम करने और राजनीति भले ही प्रतिस्पर्धा पर आधारित होने की सलाह दी. कोच्चि में एक हाई स्कूल के कार्यक्रम में छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए थरूर ने यह बातें कहीं.उन्होंने हाल के पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के अपने अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सहयोग जरूरी है. थरूर ने स्पष्ट किया कि उनका दर्शन हमेशा से 'राष्ट्र प्रथम' रहा है और वे देश की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं.
राजनीति में प्रतिस्पर्धा और सहयोग का तनाव
शशि थरूर ने कहा कि राजनीति में प्रतिस्पर्धा स्वाभाविक है, लेकिन राष्ट्रीय हितों के लिए अंतर-दलीय सहयोग को कभी-कभी विश्वासघात के रूप में देखा जाता है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया, कि 'राजनीति प्रतिस्पर्धा के बारे में है. तो कभी-कभी पार्टियों को लगता है कि यह विश्वासघात है.' जो कभी-कभी दिक्कत भी पैदा कर देती है.
राष्ट्रीय सुरक्षा पर अडिग रुख
थरूर ने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके रुख की वजह से उनकी आलोचना होती है, लेकिन वे अपने सिद्धांतों पर कायम रहेंगे. उन्होंने कहा, "हमारे सशस्त्र बलों और हमारी सरकार के समर्थन में मैंने जो रुख अपनाया है, उसके कारण बहुत से लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं. लेकिन मैं अपने रुख पर कायम रहूंगा, क्योंकि मेरा मानना है कि यह देश के लिए सही है." उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्र हमेशा सर्वोपरि है और राजनीतिक दल केवल राष्ट्र को बेहतर बनाने का माध्यम हैं.
सभी दलों का लक्ष्य
कांग्रेस सांसद ने कहा कि भले ही पार्टियों की विचारधाराएँ जैसे पूंजीवाद बनाम समाजवाद या विनियमन बनाम मुक्त बाजार अलग-अलग हों, लेकिन सभी का उद्देश्य एक बेहतर और सुरक्षित भारत का निर्माण होना चाहिए. उन्होंने कहा, "मेरे विचार से, राष्ट्र सर्वोपरि है. पार्टियां राष्ट्र को बेहतर बनाने का माध्यम हैं.
राष्ट्र प्रथम' का दर्शन
कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में थरूर ने कहा कि उनका दर्शन हमेशा से 'राष्ट्र प्रथम' रहा है. उन्होंने बताया कि वे भारत केवल इसलिए लौटे हैं ताकि राजनीति के माध्यम से और उससे बाहर भी देश की सेवा कर सकें. जब उनसे कांग्रेस आलाकमान के साथ संबंधों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वे यहां किसी राजनीतिक चर्चा या समस्या पर बात करने नहीं आए हैं.


