शिंदे सेना के विधायक संजय गायकवाड़ की बढ़ीं मुश्किलें, कैंटीन कर्मचारियों पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने दर्ज किया केस
मुंबई में शिवसेना (शिंदे गुट) विधायक संजय गायकवाड़ पर कैंटीन संचालक से मारपीट का आरोप है. खराब भोजन को लेकर विवाद हुआ, जिसका वीडियो वायरल हुआ. पुलिस ने जांच शुरू की है, और एफडीए ने कैटरर का लाइसेंस निलंबित किया है. गायकवाड़ ने अपने व्यवहार का बचाव करते हुए कहा कि यह 'शिवसेना शैली' है.

मुंबई में शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है. उन पर आरोप है कि उन्होंने आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल स्थित कैंटीन में ठेकेदार के साथ मारपीट की. इस घटना से संबंधित एक वीडियो दो दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें गायकवाड़ को कैंटीन संचालक पर गुस्सा करते और मारपीट करते हुए देखा गया.
घटिया भोजन को लेकर भड़के विधायक
बताया गया कि विधायक गायकवाड़ ने कैंटीन में परोसे गए भोजन, विशेष रूप से दाल की गुणवत्ता को लेकर नाराजगी जताई. उनका कहना है कि दाल बेहद खराब थी और खाने के तुरंत बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. इसी कारण उन्होंने कैंटीन में घुसकर ठेकेदार और कर्मचारियों से बहस की, जिसका वीडियो सामने आया है.
वायरल वीडियो में क्या दिखा?
वीडियो में साफ देखा गया कि गायकवाड़ कैंटीन में बिल चुकाने से इनकार करते हैं और बिलिंग काउंटर पर बैठे कर्मचारी के साथ धक्का-मुक्की करते हैं. इसके बाद वे कैंटीन संचालक पर भी चिल्लाते हैं और मारपीट करते हैं. यह वीडियो सामने आते ही मामला गरमा गया और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.
पुलिस की ओर से जांच शुरू
मुंबई पुलिस ने इस मामले में संजय गायकवाड़ के खिलाफ गैर-संज्ञेय अपराध (एनसी) के तहत केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस तरह के अपराध में पुलिस सीधे गिरफ्तारी नहीं कर सकती लेकिन जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है.
मुख्यमंत्री ने दी प्रतिक्रिया
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यदि घटना में कोई संज्ञेय अपराध हुआ है, तो पुलिस निष्पक्ष जांच करेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि हर अपराध की प्रकृति अलग होती है—कुछ संज्ञेय होते हैं, जबकि कुछ नहीं—और उसी अनुसार कार्रवाई की जाती है.
विधायक का रवैया
गायकवाड़ ने अपने व्यवहार पर कोई पछतावा नहीं जताया. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह पिछले छह वर्षों से विधायक निवास में रह रहे हैं और इससे पहले भी कैंटीन के खाने में छिपकलियां और चूहे मिलने की घटनाएं हो चुकी हैं. उन्होंने खुद को "शिवसेना योद्धा" बताते हुए कहा, "अगर कोई लोकतंत्र की भाषा नहीं समझता, तो यही मेरी भाषा है."
एफडीए ने उठाया कदम
घटना के बाद महाराष्ट्र के खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कैंटीन का संचालन करने वाले अजंता कैटरर्स का लाइसेंस निलंबित कर दिया है. गुणवत्ता में लापरवाही और स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के चलते यह फैसला लिया गया.


