Tejas MK1A ने भरी पहली उड़ान, पाक बॉर्डर पर होगा तैनात...पड़ोसी देश के कान खड़े
नासिक में HAL की तीसरी उत्पादन लाइन से तेजस MK1A की पहली सफल उड़ान हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने HTT-40 की दूसरी उत्पादन लाइन का भी उद्घाटन किया. यह कदम भारत के स्वदेशी विमान निर्माण और रोजगार के नए अवसरों की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा.

HAL Tejas MK1A: नासिक में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की तीसरी उत्पादन लाइन से निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस MK1A की पहली सफल उड़ान शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में संपन्न हुई. इसी अवसर पर उन्होंने HAL की दूसरी उत्पादन लाइन, जो हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 (HTT-40) के लिए है, का भी उद्घाटन किया. HTT-40 भारतीय वायु सेना के लिए विकसित एक स्वदेशी बुनियादी प्रशिक्षक विमान है.
उत्पादन लाइन का उद्घाटन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को “मेड इन इंडिया” विमानन क्षेत्र में एक नया युग बताते हुए इसे युवाओं, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की मेहनत और समर्पण का प्रतीक कहा. उन्होंने बताया कि तेजस और HTT-40 के निर्माण में देश भर के उद्योगों के बीच सहयोग ने सफलता दिलाई है. राजनाथ सिंह ने कहा कि जब सरकार, उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र मिलकर काम करते हैं तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.
भविष्य की विमानन तकनीक
राजनाथ सिंह ने जोर देते हुए कहा कि भारत को सिर्फ हल्के लड़ाकू विमान तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान, मानवरहित विमान (ड्रोन), और नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भी अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी. उन्होंने नासिक और आसपास के क्षेत्रों में इस नई शुरुआत से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद जताई. साथ ही, स्थानीय युवाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे, जिससे महाराष्ट्र सहित पड़ोसी राज्यों की औद्योगिक समृद्धि बढ़ेगी.
एलसीए तेजस MK1A के बारे में
HAL ने भारतीय वायु सेना के लिए एलसीए तेजस विमानों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए तीसरी उत्पादन लाइन शुरू की है. केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को भारतीय वायु सेना के लिए 62,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस MK1A विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी.
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चोडा ने भी नए विमानों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा है कि युद्ध की तत्परता बनाए रखने के लिए नवीनतम विमानों की तत्काल आवश्यकता है. HAL के अधिकारियों ने विश्वास जताया है कि उत्पादन प्रक्रिया के स्थिर होने और तकनीकी एकीकरण की चुनौतियों को दूर करने के बाद वे इस मांग को पूरा कर पाएंगे.


