इंडिगो की शीतकालीन उड़ानों में कटौती करेगी केंद्र सरकार, दूसरी एयरलाइन कंपनियों को मिलेगा स्लॉट
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने इंडिगो की उड़ानों में कटौती की घोषणा की. नए सुरक्षा नियमों और क्रू की कमी के कारण रद्द उड़ानों से यात्रियों को परेशानी हुई, सरकार ने सख्त कार्रवाई और रिफंड सुनिश्चित किया.

नई दिल्लीः हवाई अड्डों पर हालिया अव्यवस्था के लिए इंडिगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी के कुछ ही घंटे बाद, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि एयरलाइन के शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम में कटौती की जाएगी और उसके स्लॉट अन्य एयरलाइनों को प्रदान किए जाएंगे.
नायडू ने कहा कि हम इंडिगो के मार्गों में कटौती करेंगे. वर्तमान में वे 2,200 उड़ानें संचालित कर रहे हैं और इनमें निश्चित रूप से कमी की जाएगी.
रद्द उड़ानों और रिफंड का आंकड़ा
मंत्री ने यह भी बताया कि 1 दिसंबर से 8 दिसंबर के बीच इंडिगो द्वारा रद्द की गई 7,30,655 पीएनआर के लिए 745 करोड़ रुपये का रिफंड प्रोसेस किया गया है. उन्होंने कहा कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
इंडिगो के आंतरिक संकट की वजह
नायडू ने राज्यसभा में बताया कि हाल ही में सैकड़ों उड़ानों के रद्द होने का मुख्य कारण नए यात्री सुरक्षा मानदंडों के लागू होने के बाद इंडिगो के आंतरिक संकट थे. उन्होंने कहा कि हमें पायलटों, क्रू और यात्रियों की सुरक्षा की पूरी चिंता है. इंडिगो को क्रू और रोस्टर का बेहतर प्रबंधन करना था. यात्रियों को काफी परेशानी हुई. हम इसे हल्के में नहीं ले रहे हैं और सख्त कार्रवाई करेंगे.
नए सुरक्षा नियमों का असर
इस पूरे हंगामे के पीछे दो साल पहले लागू हुए नए विमान सुरक्षा नियम भी हैं. ये नियम पायलटों की थकान और संभावित विमान दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से बनाए गए थे. नियमों के अनुसार, पायलटों को पर्याप्त आराम (डाउनटाइम) देना अनिवार्य है. इसके कारण एयरलाइनों को अधिक पायलटों की भर्ती करनी पड़ी, ताकि उड़ानों का संचालन सुचारू रूप से हो सके.
इंडिगो की चुनौतियां
इंडिगो हमेशा डाउनटाइम कम करने पर ध्यान देती रही है, नए नियम लागू होने के साथ ही चालक दल की कमी का सामना करने लगी. परिणामस्वरूप, कई उड़ानें रद्द हो गईं और यात्रियों को भारी परेशानी हुई. इस स्थिति के कारण नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने अस्थायी तौर पर नियमों में ढील भी दी.
सरकार की योजना
नायडू ने यह भी कहा कि सरकार विमानन क्षेत्र में और अधिक कंपनियों को शामिल करना चाहती है. उनका कहना था कि देश में पांच प्रमुख एयरलाइनों की क्षमता है और उन्हें प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए और अवसर मिल सकते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि इंडिगो जैसी लापरवाही करने वाली एयरलाइन को इस बार गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. हालांकि, विपक्ष मंत्री के बयान से संतुष्ट नहीं हुआ और सदन से बहिर्गमन कर गया.
यात्री अनुभव और सामाजिक प्रभाव
देशभर के हवाई अड्डों पर इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने से कई यात्रियों की शादी, छुट्टियाँ और पेशेवर प्रतिबद्धताएं प्रभावित हुईं. मंत्री का बयान उन हज़ारों यात्रियों के लिए राहत भरा माना जा रहा है, जिन्होंने हालिया अराजकता और भ्रम का सामना किया.


