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देश को जल्द मिलेगा नया उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग ने शुरू की प्रक्रिया

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के दो दिन बाद, चुनाव आयोग ने बुधवार को एक बड़ा ऐलान किया. आयोग ने नए उपराष्ट्रपति के चयन के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Vice President Election India: भारत के उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के दो दिन बाद बुधवार को चुनाव आयोग ने आधिकारिक रूप से अगले उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर दी. नियमों के मुताबिक उपराष्ट्रपति का चुनाव जल्द से जल्द होना आवश्यक है. धनखड़ ने अपने पांच साल के कार्यकाल में से दो साल बाकी रहते हुए यह संवैधानिक पद खाली कर दिया है. वहीं, उनके उत्तराधिकारी को पूरे पांच वर्ष का कार्यकाल मिलेगा, न कि मात्र दो साल का कार्यकाल.

चुनाव आयोग ने 23 जुलाई को जारी प्रेस नोट में कहा कि गृह मंत्रालय ने धनखड़ के इस्तीफे की विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है और अब 'चुनाव कार्यक्रम की घोषणा यथाशीघ्र की जाएगी.' चुनाव से पहले की जाने वाली तैयारियों में संसद सदस्यों के निर्वाचक मंडल की स्थापना और रिटर्निंग अधिकारियों का निर्धारण शामिल है.

उपराष्ट्रपति पद पर संभावित उम्मीदवारों की सूची

धनखड़ के स्थान पर कौन होगा नया उपराष्ट्रपति, इस सवाल पर अब तक तीन-चार नाम चर्चा में हैं. इनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रमुख हैं. लेकिन बिहार में इस वर्ष अंत में विधानसभा चुनाव होने के कारण राजनीतिक घेरों में मानते हैं कि 74 वर्षीय नीतीश को अपनी पार्टी में युवा नेताओं को आगे बढ़ाने का अवसर देना पड़ सकता है.

इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के नाम भी चर्चा में हैं. इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का भी नाम संभावित उम्मीदवारों की सूची में शामिल है. उपराष्ट्रपति का पद होते हुए वे राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद हरिवंश फिलहाल इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं क्योंकि संसद का मानसून सत्र चल रहा है.

जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा से मचा हलचल

पूर्व मंत्री और राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद खालीहो गई है. संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही कुछ घंटे बाद उन्होंने यह कदम उठाया. विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे के समय और वजह दोनों पर सवाल उठाए हैं. विपक्ष का कहना है कि उनके कार्यकाल के दौरान कोई संकेत नहीं मिला था कि वे इस्तीफा देना चाहते हैं. इसके अलावा, विपक्ष ने धनखड़ पर सरकार के पक्ष में पक्षपात करने का आरोप भी लगाया था, और यहां तक कि महाभियोग की भी बात कही गई थी.

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23 July 2025, 01:28 PM IST

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