चार दिन, 1800 उड़ानें, 2 लाख यात्री सड़क पर; एयरलाइन की मनमानी पर सुप्रीम कोर्ट आज निर्णायक वार करेगा क्या
इंडिगो के बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द होने से उत्पन्न मानवीय संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल हस्तक्षेप किया है. DGCA जांच समिति गठित कर चुकी है, जबकि स्पाइसजेट व रेलवे अतिरिक्त सेवाएँ दे रहे हैं. लाखों प्रभावित यात्रियों को राहत के आदेश की उम्मीद अदालत से है.

नई दिल्लीः इंडिगो एयरलाइन में जारी अव्यवस्था अब देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंच चुकी है. लगातार चार दिनों से भारी संख्या में उड़ान रद्द होने से यात्रियों को हो रही परेशानी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तुरंत कदम उठाया है. संकट को लेकर दायर जनहित याचिका पर अब मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने गंभीरता दिखाते हुए विशेष कदम उठाए हैं.
सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई की तैयारी
याचिका में दावा किया गया है कि इंडिगो द्वारा अचानक और बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द किए जाने से मानवीय संकट पैदा हो गया है. यात्रियों के हजारों प्लान प्रभावित हुए हैं, कई हवाई अड्डों पर अव्यवस्था की स्थिति बन गई है. इसी को देखते हुए याचिकाकर्ता के वकील को शनिवार सुबह सीजेआई सूर्यकांत ने अपने आवास पर बुलाया. अनुमान लगाया जा रहा है कि आज ही इस मामले की सुनवाई के लिए विशेष पीठ गठित की जा सकती है.
याचिका में कहा गया है कि उड़ान रद्दीकरण यात्रियों के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) के अधिकार का उल्लंघन है और कोर्ट से वैकल्पिक यात्रा, मुआवजा और व्यवस्थित प्रबंधन की मांग की गई है.
डीजीसीए ने दी कई छूट, फिर भी नहीं सुधरे हालात
नागरिक उड्डयन नियामक DGCA ने इंडिगो को ऑपरेशन सामान्य करने के लिए कई तरह की इमर्जेंसी छूट दी है. बावजूद इसके एयरलाइन की स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही.
- सिर्फ शुक्रवार को ही 1000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं
- चार दिनों में 1800 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं
- लगभग 2 लाख यात्री प्रभावित
यात्रियों की मुश्किलें इसलिए भी बढ़ गई हैं क्योंकि अन्य एयरलाइनों ने अवसर देखते हुए किराए में भारी बढ़ोतरी कर दी है. वहीं, अचानक मांग बढ़ने से ट्रेनों में भी भीड़ बेकाबू स्तर पर पहुंच गई है.
डीजीसीए ने कारणों की जांच के लिए बनाई समिति
इंडिगो संकट की गंभीरता को देखते हुए DGCA ने रद्द उड़ानों के मूल कारणों की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है. समिति में शामिल हैं—
- संयुक्त महानिदेशक संजय के. ब्रम्हाने
- उप महानिदेशक अमित गुप्ता
- वरिष्ठ उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन कपिल मांगलिक
- उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन रामपाल
रिपोर्ट के अनुसार, एयरलाइन के भीतर नया FDTL (Flight Duty Time Limitation) शेड्यूलिंग नियमों को लेकर पायलटों में असंतोष और स्टाफ की कमी इस संकट के प्रमुख कारण हो सकते हैं.
याचिका में मुआवजे की मांग
याचिकाकर्ता का कहना है कि इंडिगो के गलत प्रबंधन और पायलट शेड्यूलिंग में की गई गंभीर त्रुटियों की वजह से लाखों यात्रियों को रातभर एयरपोर्ट पर रुकने, कई घंटों तक लाइन में खड़े रहने, भारी आर्थिक नुकसान, टिकट कैंसिलेशन में देरी जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ा है. इस स्थिति को मानवीय संकट बताते हुए कोर्ट से उचित निर्देश जारी करने की मांग की गई है.
स्पाइसजेट और रेलवे ने बढ़ाई सेवाएं
इंडिगो संकट के कारण देश की यात्री व्यवस्था चरमरा गई है. राहत देने के लिए स्पाइसजेट ने 100 अतिरिक्त उड़ानें शुरू कीं. रेलवे ने कई स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की. 37 ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच जोड़े गए. इसके अलावा नागर विमानन मंत्रालय ने 24×7 कंट्रोल रूम बनाकर मॉनिटरिंग तेज की है.
अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर
देश के सबसे बड़े विमानन संकटों में से एक माने जा रहे इस मामले में अब उम्मीद सुप्रीम कोर्ट से है. कोर्ट आज ही विशेष बेंच बनाकर तत्काल राहत देने वाले आदेश जारी कर सकता है. यात्रियों, एयरलाइन उद्योग और सरकार. सबकी नजरें अब अदालत के फैसले पर टिकी हैं.


