score Card

H-1B वीजा को लेकर अमेरिका ने दिया राहत भरा संदेश, कहा- भारतीय कर्मचारियों को लौटने की जरूरत नहीं... जानिए क्या है पूरा मामला

अमेरिका में H-1B वीजा पर ट्रंप प्रशासन द्वारा नए $100,000 वार्षिक शुल्क लगाने की घोषणा के बाद भारतीय तकनीकी कर्मचारियों में घबराहट फैल गई. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह शुल्क केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होगा, न कि नवीनीकरण पर. इससे भारतीय कर्मचारियों को राहत मिली. तकनीकी कंपनियां जैसे माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन ने अपने कर्मचारियों से डेडलाइन से पहले अमेरिका लौटने की अपील की थी.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

H-1B visa Update News : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा पर नए शुल्क लगाने की घोषणा ने भारतीय तकनीकी कर्मचारियों में घबराहट पैदा कर दी थी. इस घोषणा में कहा गया था कि अमेरिकी कंपनियों को प्रत्येक H-1B वीजा धारक के लिए $100,000 का वार्षिक शुल्क देना होगा. इससे भारतीयों पर गहरा असर पड़ा है क्योंकि वे H-1B वीजा धारकों का 70% हिस्सा बनाते हैं. हालांकि, एक अमेरिकी अधिकारी ने इस संकट के बीच स्पष्ट किया कि भारतीय कर्मचारियों को अमेरिका लौटने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि यह शुल्क केवल नई वीजा याचिकाओं पर लागू होगा, न कि नवीनीकरण पर.

टेक कंपनियों ने कर्मचारियों को दी चेतावनी

अमेरिकी कंपनियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, मेटा, और जेपी मॉर्गन ने अपने कर्मचारियों को 21 सितंबर, 12:01 एडीटी तक अमेरिका लौटने की सलाह दी थी. इन कंपनियों ने H-1B और H-4 वीजा धारकों को डेडलाइन से पहले अमेरिका लौटने के लिए चेतावनी दी थी. यह समय सीमा ट्रंप के आदेश से मेल खाती है, जिसमें H-1B वीजा कार्यक्रम के तहत विदेशी कर्मचारियों को प्रवेश पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे. हालांकि, अमेरिकी अधिकारी की ओर से दी गई स्पष्टता से यह संकेत मिला कि वीजा शुल्क नए आवेदन पर ही लागू होगा, न कि पहले से मौजूद वीजा धारकों के लिए.

पैनिक के बावजूद अमेरिकी अधिकारियों का स्पष्टीकरण
इस आदेश के बाद भारतीय कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई थी. कई भारतीयों ने अपनी उड़ानें रद्द कर दीं, यह डरते हुए कि वे बाद में अमेरिका में पुनः प्रवेश नहीं कर पाएंगे. सैन फ्रांसिस्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले भारतीयों ने विमान से उतरने का प्रयास किया, जब यह खबर सामने आई. सोशल मीडिया पर इसके वीडियो वायरल हुए, जिसमें भारतीय नागरिक विमान से उतरने के लिए एयरलाइन अधिकारियों से आग्रह करते हुए दिखे. हालांकि, अमेरिकी अधिकारी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इस घोषणा का असर केवल नए वीजा आवेदनों पर ही पड़ेगा.

H-1B वीजा कार्यक्रम पर ट्रंप की आलोचना 
ट्रंप प्रशासन ने कहा कि H-1B वीजा कार्यक्रम को इस तरह से डिज़ाइन किया गया था कि यह अस्थायी उच्च-क्षमता वाले श्रमिकों को अमेरिका में लाए, लेकिन इसका दुरुपयोग करते हुए अमेरिकी श्रमिकों को कम वेतन पर प्रतिस्थापित किया गया. इसके तहत, अमेरिकी कंपनियों को प्रत्येक H-1B वीजा धारक पर $100,000 का वार्षिक शुल्क देना होगा, जो पहले $215 और अतिरिक्त $750 तक सीमित था. ट्रंप की यह नीति अमेरिकी श्रमिकों के लिए रोजगार अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है.

नए शुल्क का प्रभाव और भारतीयों की चिंता
भारत के लिए, H-1B वीजा न केवल नौकरी की अहम कुंजी है, बल्कि यह अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र में काम करने का एक प्रमुख मार्ग भी है. हालांकि ट्रंप की घोषणा ने भारतीयों में भय और चिंता पैदा की, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि इस शुल्क का असर केवल नए आवेदन पर होगा, जिससे कुछ राहत मिली. इसके बावजूद, भारतीय कर्मचारियों को अब भी यह चिंता बनी हुई है कि भविष्य में H-1B वीजा धारकों के लिए अन्य प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.

इस घटनाक्रम ने भारतीय टेक्नोलॉजी और पेशेवर कर्मचारियों में घबराहट पैदा की है, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दी गई स्पष्टता ने कुछ राहत दी है. अब यह देखना होगा कि ट्रंप प्रशासन की नई नीति और H-1B वीजा शुल्क के असर से भविष्य में भारतीय कर्मचारियों के लिए क्या बदलाव होते हैं.

calender
20 September 2025, 10:12 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag