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इस सेक्टर में काम करने वाले हो जाए सावधान, आ रहा AI का युग... 5 साल में 80 % नौकरियां ले लेगा AI- विनोद खोसला

प्रसिद्ध निवेशक विनोद खोसला ने कहा कि आने वाले वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लाखों नौकरियां खत्म कर सकता है, खासकर स्पेशलिस्ट क्षेत्रों में. उन्होंने कहा कि AI से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती व सुलभ होंगी, जिससे छोटे शहरों के लोगों को भी फायदा होगा. उनका मानना है कि सामान्य छात्रों का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि AI विशेषज्ञता आधारित नौकरियों को तेजी से बदल देगा.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

दिग्गज वेंचर कैपिटलिस्ट और अरबपति निवेशक विनोद खोसला ने हाल ही में जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ एक पॉडकास्ट (WTF Podcast) में बातचीत के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की आने वाली भूमिका पर बेबाक राय रखी. उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले पांच वर्षों में AI 80% मौजूदा नौकरियों को बदल सकता है. यह सुनने में डरावना जरूर लग सकता है, लेकिन उनके अनुसार यह सिर्फ विनाश नहीं बल्कि नई संभावनाओं का दौर भी होगा.

2040 तक बदल जाएगी काम की परिभाषा
खोसला ने कहा कि 2040 तक काम करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी. लोग काम सिर्फ इसलिए करेंगे क्योंकि वे उसे करना चाहते हैं, न कि इसलिए क्योंकि उन्हें बिल चुकाना है या गृह-ऋण चुकाना है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आने वाले समय में तकनीक की मदद से लोगों को वह स्वतंत्रता मिल सकती है, जिसका उन्होंने कभी सपना देखा होगा.

AI और छंटनियों के बीच संबंध

आज की तकनीकी कंपनियां एक के बाद एक नौकरी में कटौती (layoffs) की घोषणा कर रही हैं. हालांकि कंपनियां इसे "वर्कफोर्स री-स्ट्रक्चरिंग" का नाम देती हैं, लेकिन असल वजह AI का तेज़ी से बढ़ता प्रयोग है. यह बदलाव सिर्फ कंपनियों की नीति नहीं, बल्कि एक वैश्विक तकनीकी संक्रमण का संकेत है.

ऐसी समस्या चुनो जो हल करने लायक हो
नए स्टार्टअप शुरू करने का सपना देखने वालों के लिए खोसला ने एक सीधी सलाह दी. उन्होंने कहा कि हमारे सामाज में लोग ऐसा काम चुनते हैं जो पारंपरिक बिजनेस जैसा हो, जबकि आज के समाज को जरूरत है ऐसे विचारों  की जो बड़ा सपना दिखाएं. AI के युग में, क्रियान्वयन आसान हो जाएगा, इसलिए मूल्य विचारों में होगा, न कि प्रक्रिया में.

Generalist बनो, Specialist नहीं...
कामथ के इस सवाल पर कि आज के स्टूडेंट्स स्पेशलाइज करें या व्यापक ज्ञान रखें, खोसला ने कहा "Generalist बनो, क्योंकि AI स्पेशलिस्ट से बेहतर काम करेगा." उनके अनुसार जिज्ञासा, अनुकूलन क्षमता और लचीलापन ही आने वाले समय के सुपरपावर होंगे. Narrow Knowledge वाले लोग पीछे छूट सकते हैं, लेकिन व्यापक सोच वाले हर क्षेत्र में चमक सकते हैं.

AI से शिक्षा और स्वास्थ्य 'फ्री' होंगे

खोसला ने एक और चौंकानेवाली लेकिन आशावादी भविष्यवाणी की. उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में, AI शिक्षा और स्वास्थ्य को इतना सस्ता बना देगा कि वे लगभग मुफ्त हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि AI आधारित डॉक्टर और शिक्षक हर इंसान को वैसी सलाह देंगे जो अभी सिर्फ महंगे संस्थानों में मिलती है. हर किसी के पास इंटरनेट कनेक्शन होगा तो स्टैनफोर्ड जैसी शिक्षा मुफ्त में मिल सकती है.

हर छात्र के लिए पर्सनल ट्यूटर बनेगा AI
AI की मदद से हर छात्र को व्यक्तिगत रूप से अनुकूल शिक्षा मिल सकेगी, चाहे वह मुंबई में हो, मैनचेस्टर में या अफ्रीका के किसी सुदूर गांव में. बड़े भाषा मॉडल (LLMs) और AI ट्यूटर हर बच्चे की सीखने की क्षमता, गति और रुचि के अनुसार पाठ्यक्रम बना सकेंगे.

बड़े शहरों के लिए खतरा, छोटे के लिए वरदान
विनोद खोसला का मानना है कि AI से अवसरों का केंद्रीकरण खत्म हो जाएगा. आज तक न्यूयॉर्क, लंदन और सैन फ्रांसिस्को जैसे शहरों में संसाधन और प्रतिभा केंद्रित रहे हैं, लेकिन AI के कारण यह विकेन्द्रीकरण होगा. उन्होंने कहा, अब भौगोलिक निकटता की आवश्यकता खत्म हो रही है. छोटे शहर भी आगे आएंगे. यह परिवर्तन समान अवसरों की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है.

AI एक अवसर है, खतरा नहीं
खोसला का दृष्टिकोण स्पष्ट है. AI यंत्र है, फैसला समाज को करना है कि इसका उपयोग कैसे होगा. अगर हम बदलाव को समझदारी से अपनाएं, तो यह एक बड़ी समानता लाने वाली क्रांति बन सकती है. AI से डरने की जरूरत नहीं, बल्कि इससे सीखने, अनुकूलन और आगे बढ़ने की राह निकालनी होगी.

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03 August 2025, 06:45 PM IST

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