गाजियाबाद की इस सोसाइटी में कुंवारों को अब नहीं मिलेगा फ्लैट, गेट पर लगे बैचलर्स बैन के पोस्टर
गाजियाबाद की गौर सिद्धार्थम सोसाइटी ने बड़ा फैसला लेते हुए अविवाहित युवाओं को फ्लैट किराये पर देने पर रोक लगा दी है. सोसाइटी के मेन गेट पर बैचलर टेनेंट आर नॉट अलाउड के पोस्टर लगाकर साफ संदेश दिया गया है.

Ghaziabad society bans bachelors: गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार स्थित गौर सिद्धार्थम सोसाइटी में अब अविवाहित युवाओं को किराये पर फ्लैट नहीं मिलेंगे. सोसाइटी प्रबंधन और निवासियों ने बैठक कर यह बड़ा निर्णय लिया है. इसके बाद मेन गेट पर बैचलर टेनेंट आर नॉट अलाउड के बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर लगाकर साफ लिख दिया गया है.
यह फैसला हाल ही में हुई कुछ घटनाओं के बाद लिया गया है. दरअसल, सोसाइटी के एक फ्लैट में किराए पर रह रहे युवकों को साइबर क्राइम टीम ने छापेमारी कर गिरफ्तार किया था. उनके पास से 25 लाख रुपये नकद और एक पिस्टल भी बरामद की गई थी. इस घटना से सोसाइटी की छवि खराब हुई. वहीं कई शिकायतें भी आईं कि बैचलर किरायेदार देर रात तक शोरगुल और पार्टी करते हैं, जिससे अन्य लोगों, खासकर महिलाओं और बच्चों को परेशानी होती है.
सोसाइटी की बैठक में हुआ फैसला
सोसाइटी निवासी अरुण सिंह ने बताया कि हाल की घटनाओं के बाद लोगों ने एक बैठक आयोजित की. इस बैठक में तय किया गया कि अब किसी भी अविवाहित युवक को सोसाइटी में फ्लैट किराए पर नहीं दिया जाएगा. इसके बाद अगले ही दिन मेन गेट पर पोस्टर चिपका दिए गए.
शिक्षा हब बना गाजियाबाद
गाजियाबाद तेजी से शिक्षा क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ है. यहां देशभर से छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं और किराये पर रहते हैं. लेकिन, अविवाहित किरायेदारों से जुड़ी अनैतिक गतिविधियों ने सोसाइटी निवासियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. उनका कहना है कि इससे अन्य पढ़ाई करने वाले युवाओं पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है.
150-200 फ्लैटों में रहते हैं बैचलर किरायेदार
निवासियों के मुताबिक, गौर सिद्धार्थम सोसाइटी में करीब 500-600 किरायेदार रहते हैं. इनमें से लगभग 150-200 फ्लैट ऐसे हैं जिनमें बैचलर रह रहे हैं. कई बार ये देर रात तक पार्टी और शोरगुल कर माहौल खराब करते हैं. प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि जिनके एग्रीमेंट अभी जारी हैं, वे खत्म होने तक ही रह सकते हैं. इसके बाद एग्रीमेंट को नवीनीकृत नहीं किया जाएगा.
सोसाइटी के ज्यादातर निवासियों ने इस फैसले का समर्थन किया है. उनका मानना है कि यह कदम महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है. इसके साथ ही सोसाइटी का वातावरण भी शांतिपूर्ण रहेगा.


