कौन हैं रावतपुरा सरकार? रिश्वत मामले में CBI की छापेमारी, 6 गिरफ्तार

आध्यात्मिक गुरु रावतपुरा सरकार सुर्खियों में हैं.क्योकि सीबीआई ने उनके मेडिकल कॉलेज से 55 लाख रुपये के रिश्वत मामले में डॉक्टरों सहित और छह लोगों को गिरफतार किया है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Rawatpura Sarkar: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध संत रविशंकर महाराज, जिन्हें रावतपुरा सरकार के नाम से जाना जाता है, एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. इस बार, उनकी चर्चा आध्यात्मिकता के लिए नहीं, बल्कि श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज से जुड़े रिश्वत कांड के कारण हो रही है, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है. यह मामला तब सामने आया जब सीबीआई ने मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए 55 लाख रुपये की रिश्वत के लेन-देन का खुलासा किया. इस घोटाले में रविशंकर महाराज का नाम भी शामिल होने के कारण उनके आध्यात्मिक और सामाजिक योगदान पर सवाल उठ रहे हैं. 

रावतपुरा सरकार कौन हैं?

रविशंकर महाराज, जिन्हें रावतपुरा सरकार के नाम से जाना जाता है. जो मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के छिपरी गांव से हैं. बचपन से ही अध्यात्म की ओर झुकाव रखने वाले रवि, जिनका यह नाम उनकी नाना-नानी ने रखा था, ने 9 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था. उनकी मां के अनुसार, रवि को पढ़ाई से ज्यादा ध्यान, भक्ति में थी. वह अक्सर गांव के पास शारदा माता मंदिर की गुफा में ध्यान लगाने चले जाते थे. 1990 में, 17 साल की उम्र में, रविशंकर ने मध्य प्रदेश के भिंड जिले के रावतपुरा गांव में एक मिशन शुरू किया. उनके आश्रम, जो एक प्राचीन हनुमान मंदिर के पास स्थित है, जहा हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. साल 2000 में, उन्होंने रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट की स्थापना की, जिसके तहत मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, और वृद्धाश्रम जैसी कई संस्थाएं संचालित होती हैं. रावतपुरा सरकार ने अपने ट्रस्ट के माध्यम से कई सामाजिक कार्य किए हैं. उन्होंने अपने आश्रम का नाम रावतपुरा सरकार धाम रखा और 2018 में छत्तीसगढ़ में रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी की स्थापना की. उनके ट्रस्ट के तहत संचालित स्कूल, नर्सिंग कॉलेज, और ब्लड बैंक जैसे संस्थानों ने क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दिया है.

रिश्वत मामले में CBI की कार्रवाई

CBI ने हाल ही में श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, नवा रायपुर, को मेडिकल काउंसिल से मान्यता दिलाने के लिए रिश्वतखोरी का भंडाफोड़ किया. जांच में पता चला कि कॉलेज के पदाधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज, नकली मरीजों, और गलत बायोमेट्रिक रिकॉर्ड के जरिए मान्यता हासिल करने की कोशिश की. CBI ने इस मामले में 55 लाख रुपये की रिश्वत के लेन-देन के दौरान छह लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें डॉक्टर भी शामिल हैं. CBI के प्रवक्ता ने कहा, "CBI ने जाल बिछाया और रिश्वत की रकम का लेन-देन करते समय छह व्यक्तियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया." बाकी लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है.

विवादों से पुराना नाता

यह पहली बार नहीं है जब रावतपुरा सरकार विवादों में घिरे हैं. साल 2023 में, एक महिला भक्त ने ग्वालियर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आश्रम में सेवा के नाम पर मजदूरी कराई जाती थी और महिलाओं को निजी बातचीत के लिए मजबूर किया जाता था. विरोध करने पर मानसिक प्रताड़ना दी जाती थी. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने खुद मामले का संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिए थे.

calender
06 July 2025, 11:07 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag