हमले से पहले दी गई सूचना! कांग्रेस के दावों को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया खारिज, जानें क्या बोले
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर विवाद में कांग्रेस के आरोपों का कड़ा खंडन किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को ऑपरेशन की जानकारी शुरू होने से पहले नहीं दी गई, बल्कि पूरा ऑपरेशन होने के बाद सूचित किया गया. अमेरिका की भूमिका नकारते हुए उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि फिलहाल स्थगित है. जयशंकर ने राष्ट्रीय सुरक्षा की अहमियत और देश की एकता पर जोर देते हुए गलत सूचनाओं से बचने की अपील की.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को संसद की एक सलाहकार समिति को संबोधित करते हुए हाल ही में सामने आए ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े विवादों का पूरी तरह खंडन किया. कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को उन्होंने "बेईमानी" और "घटनाओं का गलत चित्रण" बताते हुए सटीक तथ्य पेश किए. इस अवसर पर उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका की भूमिका, सिंधु जल संधि और ऑपरेशन के तकनीकी पहलुओं पर भी स्पष्ट जानकारी दी.
पाकिस्तान को सूचना देने के आरोपों का खंडन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जयशंकर पर यह आरोप लगाया था कि भारत ने ऑपरेशन शुरू करने से पहले ही पाकिस्तान को इसकी जानकारी दे दी थी. राहुल गांधी ने इस संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक करने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया और पूछा कि इस वजह से वायुसेना ने कितने विमान खोए. राहुल गांधी ने एक वीडियो क्लिप भी साझा की थी, जिसमें जयशंकर कथित तौर पर कहते हुए दिख रहे थे कि ऑपरेशन की शुरुआत में पाकिस्तान को बताया गया था कि हमला आतंकवादी ठिकानों पर है और सैन्य प्रतिष्ठानों पर नहीं.
इस आरोप पर विदेश मंत्रालय ने कड़ा खंडन किया. एमईए ने कहा कि मंत्री के कथन को गलत तरीके से पेश किया गया है. प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने भी इस वीडियो की तथ्य-जाँच कर पुष्टि की कि जयशंकर ने कभी ऐसा दावा नहीं किया. जयशंकर ने बैठक में स्पष्ट किया कि ऑपरेशन के पूरा होने के बाद ही भारत के डीजीएमओ ने पाकिस्तान के डीजीएमओ को इस कार्रवाई की जानकारी दी, न कि शुरू होने से पहले.
अमेरिका की भूमिका पर भी किया स्पष्टीकरण
सांसदों ने ऑपरेशन में अमेरिका की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए. कुछ ने यह जानना चाहा कि क्या अमेरिका ने इस ऑपरेशन में मध्यस्थता की. जयशंकर ने पूरी तरह से स्पष्ट किया कि अमेरिका का इस ऑपरेशन में कोई भाग नहीं था. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने संपर्क किया था लेकिन भारत ने उन्हें केवल डीजीएमओ स्तर पर बातचीत करने की बात कही थी, जो सामान्य सैन्य संवाद का हिस्सा है.
सिंधु जल संधि पर भी उठे सवाल
बैठक में सिंधु जल संधि को लेकर भी सवाल उठे कि क्या भारत इसे पुनः लागू या संशोधित करने का इरादा रखता है. सरकार की ओर से बताया गया कि यह संधि फिलहाल स्थगित है और इस पर तत्काल कोई संशोधन या पुनर्विचार नहीं हो रहा. यह स्पष्ट किया गया कि इस पर आगे कोई निर्णय स्थिति के अनुसार लिया जाएगा.
राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक विवाद
जयशंकर ने संसद में जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से किया गया था और इसमें पाकिस्तान को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई. उन्होंने विपक्ष द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया. साथ ही, उन्होंने जनता से अपील की कि वे केवल सत्यापित जानकारी पर भरोसा करें और अफवाहों और गलत सूचनाओं से बचें.
राष्ट्रीय एकता का आह्वान
अपने संबोधन के अंत में जयशंकर ने राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट रहना आवश्यक है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ कूटनीतिक प्रयासों को जारी रखना होगा. उन्होंने सांसदों से अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे पर पारदर्शिता बनाए रखें और देशहित में एकजुटता दिखाएं.


