'भारत और चीन किसी भी दबाव के आगे झुकेंगे नहीं', टैरिफ नीतियों को लेकर रूस की अमेरिका को दो टूक
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका की टैरिफ दबाव नीति की आलोचना करते हुए कहा कि भारत और चीन जैसी प्राचीन सभ्यताएं धमकियों से नहीं झुकेंगी. उन्होंने कहा कि अमेरिकी दबाव से देश महंगे ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर हो रहे हैं, जबकि अमेरिका भारत की रूस से तेल खरीद और ऊंचे टैरिफ को लेकर नाराज है.

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका द्वारा भारत और चीन पर डाले जा रहे टैरिफ दबाव को सख्त शब्दों में खारिज किया है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन जैसी प्राचीन सभ्यताएं किसी भी प्रकार के अल्टीमेटम या धमकी से झुकने वाली नहीं हैं और अमेरिकी नीतियां देशों को नए ऊर्जा बाजारों और संसाधनों की तलाश करने पर मजबूर कर रही हैं.
अमेरिकी दबाव नीति पर लावरोव का हमला
लावरोव ने कहा कि वाशिंगटन द्वारा रूस से तेल आयात रोकने की लगातार मांग न केवल संबंधित देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि यह उन्हें अधिक महंगे ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर होने को भी बाध्य कर रही है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं. उनसे यह कहना कि ‘जो मुझे पसंद नहीं है वो करना बंद करो, नहीं तो मैं टैरिफ लगा दूंगा’, इस तरह की भाषा उनके साथ काम नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि इस अमेरिकी दृष्टिकोण से नैतिक और राजनीतिक विरोध भी उत्पन्न हो रहा है, जिसे वाशिंगटन नजरअंदाज नहीं कर सकता.
भारत की ऊर्जा नीति से परेशान अमेरिका
यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका, खासकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन भारत द्वारा यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से तेल आयात जारी रखने की आलोचना कर रहा है. ट्रंप ने जुलाई में भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगा दिया था, जबकि दोनों देश एक अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे थे. इसके बाद, भारत द्वारा रूसी तेल खरीद जारी रखने का हवाला देते हुए 25% अतिरिक्त टैरिफ भी लगा दिया गया, जिससे कुल शुल्क 50% तक पहुंच गया. यह टैरिफ 27 अगस्त से प्रभावी हुए.
व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को बार-बार शुल्कों का महाराजा कहा और आरोप लगाया कि भारतीय कंपनियां अमेरिकी श्रमिकों के नुकसान पर मुनाफा कमा रही हैं. नवारो ने कहा कि भारत के रिफाइनर रूस से सस्ते तेल सौदे कर अमेरिकी पैसे से रूसी हथियारों की खरीद में अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत को अब बातचीत की मेज पर आना होगा. उनके टैरिफ बहुत ऊंचे हैं.
मोदी-पुतिन संबंधों पर भी सवाल
नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से संबंधों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि भारत में अभिजात वर्ग जनता की कीमत पर मुनाफा कमा रहा है और इसे रोका जाना चाहिए. वहीं अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भी भारत की टैरिफ नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत 1.4 अरब की आबादी का दावा करता है लेकिन अमेरिकी मक्का तक नहीं खरीदता और चेतावनी दी कि नई दिल्ली को शुल्क कम करना होगा वरना व्यापार मुश्किल हो जाएगा.
रूस पर नए प्रतिबंध
रूस पर नए अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर लावरोव ने कहा कि इसमें उन्हें कोई समस्या नहीं दिखती. उन्होंने याद दिलाया कि ट्रंप के पहले कार्यकाल में ही रूस पर अभूतपूर्व प्रतिबंध लगाए गए थे और इसके बाद बाइडेन प्रशासन ने भी कूटनीति की जगह प्रतिबंधों को ही मुख्य साधन बना लिया. उन्होंने कहा कि रूस इन हालात से सबक लेकर अब वैकल्पिक रणनीतियों पर काम कर रहा है.


