'पाकिस्तान अपने ही लोगों पर करता है बमबारी', एक बार फिर लाल मस्जिद से उठने लगी पाक सरकार के खिलाफ आवाज
इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के मौलवी अब्दुल अजीज गाजी ने शुक्रवार को अपने भाषण में पाकिस्तान सरकार को अत्याचारी बताते हुए भारत से युद्ध को "इस्लामी युद्ध" मानने से इनकार किया. उन्होंने वजीरिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में हुए दमन का हवाला देते हुए सरकार की आलोचना की. गाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. लाल मस्जिद, जो कट्टरपंथ का केंद्र रही है, 2007 में ऑपरेशन सनराइज के दौरान सरकार के खिलाफ खुले विद्रोह का गवाह बनी थी.

इस्लामाबाद की प्रसिद्ध लाल मस्जिद एक बार फिर सुर्खियों में है. मस्जिद के विवादित मौलवी अब्दुल अजीज गाजी ने शुक्रवार की नमाज के दौरान अपने भाषण में पाकिस्तान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने देश के भीतर चल रही राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता को उजागर करते हुए कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो वह किसी भी रूप में "इस्लामी युद्ध" नहीं होगा.
पाकिस्तान की व्यवस्था अत्याचारी है
अब्दुल अजीज ने मस्जिद में उपस्थित लोगों से सवाल किया, “अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो जाए तो आपमें से कितने लोग पाकिस्तान के समर्थन में होंगे?” जब श्रोताओं की ओर से कोई उत्साही प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो
Islamabad's Famous Lal Masjid openly refuses to back war with India — says Pakistan’s fight is not for Islam but nationalism, and oppression here is worse than in India. pic.twitter.com/wKXybyGIoR
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) May 5, 2025
अब्दुल अजीज ने इसे जागरूकता की निशानी बताया और कहा, “इसका मतलब लोग अब समझने लगे हैं कि यह युद्ध धर्म की रक्षा के लिए नहीं होगा.” उन्होंने पाकिस्तान की मौजूदा व्यवस्था को "कुफ्र और अत्याचार से भरी" बताया और दावा किया कि भारत में भी ऐसी क्रूरताएं नहीं होतीं, जैसी पाकिस्तान में सरकार द्वारा की जा रही हैं.
वजीरिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा की तुलना भारत से
गाजी ने वजीरिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में हुए सैन्य अभियानों का उल्लेख करते हुए पूछा, “क्या भारत ने कभी अपने ही लोगों पर लड़ाकू विमानों से हमले किए हैं? क्या भारत में इतने लोग लापता हैं जितने पाकिस्तान में हैं?” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में पत्रकारों, मौलवियों और विपक्षी नेताओं के गायब होने की घटनाएं आम होती जा रही हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
गाजी का यह भाषण सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. जहां एक ओर कुछ लोग उनके विचारों की आलोचना कर रहे हैं, वहीं कई लोगों का मानना है कि अब्दुल अजीज, जिन्हें एक समय पाकिस्तान की सत्ता के करीबी माना जाता था, अब सरकार के मुखर विरोधी बन चुके हैं.
लाल मस्जिद का विवादास्पद इतिहास
1965 में स्थापित, लाल मस्जिद ने जल्द ही खुद को एक कट्टरपंथी धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित कर लिया था. इसकी लाल दीवारों और स्पष्ट इस्लामी एजेंडे के चलते यह पाकिस्तानी राजनीति और सुरक्षा एजेंसियों के बीच चर्चा का विषय बन गई. 2006 में अब्दुल अजीज और उनके भाई अब्दुल रशीद ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ खुली बगावत का बिगुल फूंका.
शरिया कानून लागू करने की मांग
लाल मस्जिद और उससे जुड़े जामिया हफ्सा मदरसे ने देशभर में शरिया कानून लागू करने की मांग की. मस्जिद के मौलवियों ने वैकल्पिक शासन की बात करते हुए सरकार को गैर-इस्लामी घोषित कर दिया और उसे उखाड़ फेंकने का आह्वान किया.
ऑपरेशन सनराइज: सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
स्थिति जब नियंत्रण से बाहर होने लगी, तो जुलाई 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ की सरकार ने ऑपरेशन सनराइज चलाया. इस सैन्य अभियान का उद्देश्य मस्जिद में छिपे उग्रवादियों पर लगाम कसना और सरकार की संप्रभुता स्थापित करना था.