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'पाक को डॉलर, भारत पर वार', ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर अमेरिका में मचा बवाल

अमेरिकी सैन्य रणनीतिकार माइकल रुबिन ने ट्रंप प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान को आईएमएफ से एक अरब डॉलर की मदद देना गलत है. उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थक और चीन का मोहरा बताया. रुबिन ने इसे अमेरिका की रणनीतिक विफलता और सुरक्षा के लिए खतरनाक कदम कहा.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

अमेरिकी थिंक टैंक अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के सैन्य रणनीतिकार माइकल रुबिन ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का आईएमएफ बेलआउट पैकेज दिए जाने को लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की तीखी आलोचना की है. रुबिन का कहना है कि यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया, जब पाकिस्तान को लंबे समय से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले राष्ट्र के रूप में देखा जाता है.

रुबिन ने यह भी कहा कि आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को वित्तीय मदद देना, अप्रत्यक्ष रूप से चीन की मदद करना है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान आज चीन का एक आश्रित देश (सैटेलाइट स्टेट) बन चुका है. पाकिस्तान का ग्वादर बंदरगाह, जो कभी उसका गौरव हुआ करता था, अब चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के चलते पूरी तरह चीन के नियंत्रण में आ चुका है. इस परियोजना ने पाकिस्तान को करीब 40 अरब डॉलर के घाटे में डाल दिया है.

आईएमएफ सहायता पर भड़के अमेरिकी विशेषज्ञ

पूर्व प्रोफेसर माइकल रुबिन, जो 2021 तक नेवल पोस्टग्रेजुएट स्कूल में पढ़ाते रहे, ने पाकिस्तान और भारत के बीच हालिया सैन्य झड़पों को लेकर भी अपनी राय दी. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि चार दिवसीय सीमित संघर्ष में भारत ने पाकिस्तान को निर्णायक रूप से हराया है. उन्होंने पाकिस्तान के उन दावों को झूठा बताया जिसमें कहा गया था कि उसने भारत को भारी नुकसान पहुंचाया.

ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर उठाए सवाल

रुबिन ने एक वीडियो टिप्पणी में कहा, "पाकिस्तानी सेना सच्चाई छिपाने की कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन वह इस बात से नहीं बच सकती कि उसने युद्ध में न सिर्फ हार मानी, बल्कि बहुत बुरी तरह हारी है." उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद की ओर से फैलाया जा रहा दुष्प्रचार पाकिस्तान की वास्तविक स्थिति को छिपाने का एक विफल प्रयास है, खासकर तब जब उसके प्रमुख सैन्य और हवाई ठिकाने भारत के हमलों का निशाना बने.

'पाक को डॉलर, भारत पर वार'

बुधवार को प्रकाशित एक लेख में रुबिन ने कहा कि अमेरिका को आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को बेलआउट जारी करने से रोकना चाहिए था. उन्होंने पाकिस्तान को "दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में से एक" बताया और कहा कि आतंकवाद से जुड़े देश को ऐसे समय में मदद देना जब उसके आतंकी भारत में निर्दोषों की हत्या कर रहे हों, बेहद निंदनीय है.

रुबिन ने चेताया कि जब व्हाइट हाउस दो परमाणु संपन्न देशों के बीच तनाव कम करने का प्रयास कर रहा है, तब पाकिस्तान जैसे चीन समर्थक और आतंकवाद-प्रायोजक देश को आर्थिक मदद देना केवल एक रणनीतिक भूल नहीं, बल्कि आईएमएफ द्वारा अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाने जैसा है.

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16 May 2025, 08:55 AM IST

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