15 साल की लापता मूक-बधिर हिंदू लड़की ने अपनाया इस्लाम, 7 बेटियों वाले युवक से की शादी, परिवार ने लगाए गंभीर आरोप
Pakistan News: लड़की के पिता ने सवाल उठाया है कि मेरी मूक-बधिर नाबालिग बेटी, वो एक ऐसे ड्रग तस्कर से शादी पर कैसे राजी हो सकती है, जिसके पास पहले से सात बेटियां हैं? मेरी बेटी को फसाया गया है.

Pakistan News: पाकिस्तान के सिंध प्रांत से एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मूक-बधिर नाबालिग हिंदू लड़की पिछले नौ दिनों से लापता थी. अब यह लड़की मीडिया के सामने आई है और उसने दावा किया है कि उसने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है और अपने से काफी बड़े उम्र के एक मुस्लिम व्यक्ति से विवाह कर लिया है.मामला सामने आने के बाद से लड़की के परिवार में गुस्सा और चिंता का माहौल है. परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी का अपहरण किया गया है और उसे जबरन धर्म परिवर्तन करवा कर शादी के लिए मजबूर किया गया. पुलिस के कार्य न करने पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
बादिन जिले के कोरवा कस्बे की रहने वाली 15 साल की एक लड़की जो बीते सप्ताह रहस्यमय परिस्थितियों से लापता हो गई थी. परिजनों ने आशंका जताते हुए स्थानीय थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
मीडिया के सामने पति संग अचानक आई लड़की
लगभग नौ दिन बाद लड़की शनिवार को अचानक मीडिया के सामने अपने पति के साथ पेश हुई. उसने दावा किया कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है और निकाह किया है. इस दौरान लड़की ने धर्म परिवर्तन का प्रमाणपत्र भी दिखाया, जिसकी तस्वीरें मीडिया में वायरल हो गईं.
लड़की के पिता ने उठाए सवाल
लड़की के पिता ने मीडिया से बातचीत में गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि एक मूक-बधिर नाबालिग लड़की कैसे इस फैसले पर पहुंच सकती है कि वह धर्म बदले और एक ऐसे आदमी से शादी करे जो नशा तस्कर है और जिसकी पहले से ही सात बेटियां हैं?
दारावर इत्तेहाद पाकिस्तान के प्रमुख शिव काछी ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए है.उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि लड़की का अपहरण किया गया है. पुलिस को परिवार की शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई करने की इच्छाशक्ति नहीं दिखाई दी.
उन्होंने आगे कहा कि हमने इस मामले में कानूनी सहायता के लिए अपने वकीलों से बातचीत शुरू कर दी है, क्योंकि हमें नहीं लगता कि लड़की ने अपनी मर्जी से ऐसा किया है. हमने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर स्वतंत्र जांच की मांग की है.
प्रशासन पर बढ़ा दबाव
मामले ने एक बार फिर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदू समुदाय की बेटियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.


